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सिमडेगा: जनता कर्फ्यू को मिला पूरा समर्थन, शाम 5 बजे ताली आदि बजाकर किया आभार प्रकट - कोरोना वायरस के कारण घर लौटते लोग

सिमडेगा में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देखने को मिला, जहां लोगों ने पूरे दिन घर से बाहर नहीं निकलकर इसका पूरजोर स्वागत किया. वहीं, शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए घंटी, ताली आदि बजाकर आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों के प्रति आभार प्रकट किया.

Janata curfew gets full support in Simdega
छतों पर थाली बजाते लोग

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Published : Mar 22, 2020, 9:29 PM IST

सिमडेगा: जनता कर्फ्यू की संध्या 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का व्यापक असर सिमडेगा में देखने को मिला. प्रधानमंत्री ने देश की जनता से आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों का आभार प्रकट करने के लिए शाम 5:00 बजे 5 मिनट के लिए घंटा, ताली आदि बजाने की अपील की थी.

घंटा बजाते युवक

प्रधानमंत्री ने कहा था कि सभी लोग अपने घरों के ऊपर, बालकनी में, आंगन में अपनी सुविधानुसार आवश्यक वस्तुओं के सहारे बजाकर कोरोना वायरस के विरुद्ध छेड़े गए अभियान में लगे लोगों का आभार प्रकट करें. प्रधानमंत्री की अपील पर सिमडेगा की जनता पूरी तरह साथ खड़ी दिखी. पूरे दिन जहां सड़कों पर सन्नाटा था. वहीं, संध्या 5:00 बजे लोगों के घरों के बाहर घंटा, शंख, थाल, ताली आदि की ध्वनियां गूंजती हुई सुनाई दी.

थाली बजाते बच्चे
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिले से विभिन्न कारणों से बाहर गए लोग बड़ी संख्या में वापस सिमडेगा लौट रहे हैं. जिसके मद्देनजर एहतियातन उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरनवाल ने अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सिविल सर्जन को आदेश देकर बाहर से आने वाले सभी लोगों को सर्विलांस में रखने को कहा गया है.
घर लौटते लोग

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इस दौरान कोई भी COVID -19 का संदिग्ध पाया जाता है, तो अविलंब उसकी सूचना उपलब्ध कराते हुए समुचित इलाज सुनिश्चित करें. विदित हो कि पिछड़ा जिला होने के कारण सिमडेगा से अधिकांश ग्रामीण रोजी-रोटी कमाने बाहर के महानगरों में जाते हैं. परंतु कोरोना को लेकर देश में वर्तमान स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. ऐसे में सभी अपने घर अपने गांव लौट रहे हैं.

इधर, जनता कर्फ्यू के दिन हरिणधारा क्षेत्र की दो महिला अपने गांव पहुंची. परंतु ग्रामीणों ने उन्हें गांव में घुसने नहीं दिया. महिलाओं ने बताया कि गांव वाले मारपीट पर उतारू थे. किसी प्रकार उन्हें समझाने पर ग्रामीणों ने शर्त रखी कि पहले जाकर सदर अस्पताल में अपना इलाज करवाएं. उसके बाद ही गांव में प्रवेश करें. विदित हो कि इनमें से एक महिला कुछ दिन पूर्व ही दिल्ली से लौटी है. वहीं, दूसरी महिला गुमला की रहने वाली बताई जा रही है.

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दूसरी ओर जनता कर्फ्यू के दौरान काफी संख्या में लोग अपने निजी और भाड़े के वाहनों से जिले में आते देखे गए. जिनमें अधिकांश नर्सिंग ट्रेनिंग कर रही छात्राएं और रोजगार के लिए बाहर गए ग्रामीण शामिल हैं.

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