सिमडेगा: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य और विश्व प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, जहां 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी. मंदिर निर्माण को लेकर सिमडेगा ही नहीं देश और विश्व में लोगों द्वारा अलग-अलग तरीके से इसे उत्सव के रूप में मनाने की तैयारियां की गई है. अयोध्या, प्रभु श्रीराम का जन्मस्थल है. वहीं सिमडेगा में भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का पवित्र धाम रामरेखा धाम स्थित है, जो जिले से महज 22 किलोमीटर दूर पहाड़ की चोटी पर प्रकृति की वादियों के बीच स्थित है. यूं कहें तो प्रकृति ने श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की यादों को अपनी छटाओं और हरे-भरे पेड़ों और पत्तों के बीच संजोए रखा है.
रामरेखा धाम में मौजूद है कई साक्ष्य
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ, जब 14 वर्ष के वनवास के लिए निकले थे. उसी दौरान अपनी पद गमन यात्रा के क्रम में वे सिमडेगा के रामरेखाधाम पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना कुछ समय बिताया था, जिसके आज भी कई साक्ष्य वहां मौजूद हैं. इन साक्ष्यों में अग्नि कुंड, सीता चूल्हा, बाण गंगा, श्रीराम चरण पादुका, सीता चरण पादुका साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. साथ ही स्नान कुंड और लक्ष्मण गुफा भी पहाड़ की चोटी पर स्थित है. इसके अलावा श्रीराम द्वारा स्थापित महादेव का शिवलिंग आज भी रामरेखा धाम में स्थित है. रामरेखा की पहाड़ों में स्थित गुफा आज भी लोगों के बीच रहस्यमय बना हुआ है. बीतते वक्त के साथ रामरेखा धाम की प्रसिद्धि लोगों के बीच काफी बढ़ गई है. यहां प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर रामरेखाधाम में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
सिमडेगावासी 5 अगस्त को मनाएंगे दिवाली
यूपी के अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी, जिसे लेकर रामरेखाधाम ही नहीं पूरे सिमडेगा जिले में उत्सव का माहौल है. इस मौके पर रामरेखाधाम में विशेष पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस संबंध में रामरेखा धाम के मुख्य महंत उमाकांत जी महाराज ने बताया कि 5 अगस्त को भूमि पूजन के समय रामरेखाधाम में विशेष हवन पूजन का आयोजन किया जाएगा. वहीं, संध्या में सैकड़ों दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि आस-पास के गांव क्षेत्रों और सिमडेगा वासियों से भी 5 तारीख की संध्या अपने-अपने घरों में दीप जलाने की अपील की गई है. प्रत्येक वर्ष दीपावली प्रभु श्रीराम के आगमन पर मनाई जाती है, लेकिन 5 अगस्त को दीपावली मंदिर निर्माण के प्रारंभ होने की खुशी में मनाई जाएगी.