सिमडेगा: एक ओर जहां जिलेभर के कई प्रखंडों सहित पूरे राज्य में आप की योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसके माध्यम से ग्रामीणों को सुविधा और योजनाओं का लाभ मुहैया कराने और समस्याओं से अवगत होने के बाद जल्द उसका निदान करने के दावे किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सिमडेगा में मुलभूत सुविधा का घोर अभाव दिख रहा है. बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था (Bad Condition Of Health Services In Simdega) के कारण ग्रामीणों को मरीज को कुर्सी पर ढोकर नदी पार करना पड़ रहा है.
एक तरफ सरकार आपके द्वार, दूसरी तरफ दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं, कुर्सी पर बिठाकर मरीज को कराया नदी पार - simdega news
सिमडेगा में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है (Bad Condition Of Health Services In Simdega). यहां के कुछ गांव ऐसे हैं जहां कोई गाड़ी या एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती है. ऐसी स्थिति में अगर कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ गया तो जान भी जा सकती है. देर रात बीमार मरीज को कुर्सी पर ढोकर ग्रामीणों ने नदी पार कराया ताकि समय पर उसे अस्पताल पहुंचाया जा सके.
![एक तरफ सरकार आपके द्वार, दूसरी तरफ दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं, कुर्सी पर बिठाकर मरीज को कराया नदी पार sick woman brought to hospital on chair](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16686848-thumbnail-3x2-simdega.jpg)
ये भी पढ़ें:हाय रे हेल्थ सिस्टम! मदद मिली ना मिला एंबुलेंस, परिजनों ने शव को रिक्शा पर ढोया
कोलेबिरा प्रखंड के बरसलोया पंचायत के बरटोली गांव से एक ऐसा मामला सामने आया जा है जो यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रहा है. यहां मंगलवार देर रात मरीज तारावती देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई. परिजन सहित आसपास के लोगों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था तो की गई, परंतु रास्ते में नदी होने के कारण गाड़ी गांव तक नहीं पहुंच सकी. इसलिए मरीज को कुर्सी पर ढोकर नदी पार कराया गया और गाड़ी तक पहुंचाया गया. महिला को कोलेबिरा सीएससी में भर्ती कराया गया है. मरीज की स्थिति अभी बेहतर बताई जा रही है.
यह गांव के भौगोलिक स्थिति की बात करें तो 3 छोर पर नदी और एक छोर पर घने जंगल-पहाड़ी से घिरा हुआ है. जहां के लोग काफी मुश्किलों का सामना कर गांव तक पहुंचते हैं. क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई बार विधायक, सांसद और जिला प्रशासन को आवेदन देकर पुल निर्माण कराने की मांग की है, लेकिन इन्हें अबतक निराशा ही अब तक हाथ लगी है.