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Thunderclap In Simdega: सिमडेगा में आसमान से बरसा कहर, 65 पशुओं की मौत, चार ग्रामीण जख्मी, पशुपालन विभाग की घोर लापरवाही उजागर - पहाड़ी के पास एक गुफा में शरण ली

सिमडेगा में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 65 पशुओं की मौत हो गई है. वहीं चार ग्रामीण भी वज्रपात में झुलस गए हैं. जानकारी मिलते ही पशुपालन पदाधिकारी ने मृत पशुओं के पोस्टमार्टम के लिए टीम गठित कर दी है. वहीं एक साथ इतने पशुओं की मौत से पशुपालक हताश हैं. घटना सिमडेगा के बोलबा प्रखंड में हुई है.

Lightning In Simdega
Lightning In Simdega

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 20, 2023, 5:27 PM IST

रांची/सिमडेगाः सिमडेगा में वज्रपात से एक साथ 65 पशुओं की मौत हो गई है. यह घटना बोलबा प्रखंड के कुचुपानी गांव के पास हुई है. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अरूण कुमार ने बताया कि गांव के लोग अपने जानवरों को चराने निकले थे. इसी बीच अचानक बादल उमड़ने लगे. जब तक पशुपालक अपने जानवरों को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जा पाते, इससे पहले ही वज्रपात हो गया. जिसमें 65 पशुओं की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी है. मृत पशुओं में सबसे ज्यादा 57 बकरे और बकरियां हैं. इसके अलावा गाय, बैल और बाछों की भी मौत हुई है. यही नहीं वज्रपात की चपेट में आने से चार ग्रामीण भी झुलस गए हैं. वहीं घटना की जानकारी मिलने पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अरूण कुमार ने वेटनरी सर्जन डॉ अजय कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की और मृत पशुओं का पोस्टमार्टम कराया. टीम में डॉ सीप्रियम गुड़िया और डॉ राखी टोप्पो भी शामिल थीं.

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पशुपालन विभाग की लापरवाही उजागरःजिला पशुपालन पदाधिकारी इस बात को लेकर चिंता जतायी कि सिमडेगा जिला के ठेठईटांगर, बोलबा और केरसई प्रखंड में एक भी पशु चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. यह इलाका आदिवासी बहुल है. यहां के लोगों की जीविका का साधन खेती और पशुपालन है. ऐसे में जानवरों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक का होना बेहद जरूरी है. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि सोनाहातू में तैनात भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीपक उरांव को बोलबा प्रखंड में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के तौर पर पदस्थापित किया गया था, लेकिन इस नोटिफिकेशन के साथ ही उन्हें होटवार स्थित जेएसआईए में प्रतिनियुक्त कर दिया गया था. अब सवाल है कि ऐसी पदस्थापना का क्या मतलब है. इससे साफ ही कृषि एवं पशुपालन विभाग को ग्रामीण पशुपालकों की कोई चिंता नहीं है. अगर चिंता होती तो आदिवासी बहुल सिमडेगा जिला के प्रखंडों में पशुचिकित्सकों के पदस्थापना पर विशेष ध्यान दिया जाता.

बोलबा के सीओ ने की घटना की पुष्टिःबोलबा प्रखंड के अंचलाधिकारी बलिराम मांझी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलते ही वह क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि वज्रपात में घायल चारों ग्रामीणों का प्राथमिक उपचार कराया गया है. सभी खतरे से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि जानवरों को चराते वक्त आसमान में बिजली कड़कने लगी. इससे बचने के लिए पशुपालकों ने पास की पहाड़ी के पास एक गुफा में शरण ली थी. इसी दौरान तेज आवाज के साथ वज्रपात हुआ. अगर चरवाहों ने गुफा में शरण नहीं ली होती तो उनकी जिंदगी को भी खतरा पहुंच सकता था. उन्होंने बताया कि तीनों प्रखंडों में पशुचिकित्सक नहीं हैं.

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