सरायकेला: जिले में यास तूफान (yaas cyclone) का असर दिखने लगा है. यहां राजनगर प्रखंड अंतर्गत भीम खांदा पौराणिक मंदिर के पास मौजूद मस्ती की पाठशाला स्कूल में पढ़ने वाले तकरीबन 70 बच्चे बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं. सभी बच्चों ने स्कूल के छत के ऊपर डेरा जमाया हुआ है और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
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स्कूल में रहकर ही पढ़ते हैं बच्चे
खबरों के अनुसार आवासीय मस्ती की पाठशाला में तकरीबन 70 बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है. इनमें से अधिकांश वैसे बच्चे हैं ,जो आवासीय स्कूल में रहकर ही पढ़ाई लिखाई करते हैं. यास चक्रवाती तूफान के कारण लगातार बारिश के चलते स्कूल के आसपास का क्षेत्र जलमग्न हो गया है और जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. बच्चों ने जान माल की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल के छत पर डेरा जमा लिया है.
नहीं पहुंचा कोई प्रशासनिक अधिकारी
यास तूफान का असर सरायकेला जिले में राजनगर प्रखंड रहा. हालांकि जिला प्रशासन वहां लगातार राहत और बचाव कार्य कर रहा है. लेकिन पौराणिक भीम खंडा मंदिर के पास इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अब तक कोई सरकारी सुविधा प्रदान नहीं की गई है. जो कि तमाम सरकारी दावों की पोल खोलती है साथ ही सरकार के इस रैवये से बच्चे भी नाराज हैं.
जिला प्रशासन ने खबर को बताया निराधार
सरायकेला के राजनगर प्रखंड अंतर्गत भीम खांदा पौराणिक मंदिर के पास मौजूद मस्ती की पाठशाला स्कूल में पढ़ने वाले लगभग 70 बच्चे बाढ़ के खतरे के कारण छत पर चढ़ने का मामला सामने आया था. बच्चों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. इस मामले को जिला प्रशासन ने सरासर गलत करार दिया गया है. सरायकेला सिविल एसडीओ रामकृष्ण कुमार ने स्कूली बच्चों के छत पर डेरा जमाने संबंधित खबर को पूरी तरह निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि स्थानीय पत्रकार के ओर से इस तरह की खबर फैलाई गई है, जिससे जिला प्रशासन को परेशानी हुई है.