सरायकेला: देश, राज्य समेत पूरे जिले में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है, जहां सड़क पर अब लोगों का आवागमन लगभग पूरी तरह बंद है. वहीं, सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल में कंपनी बंद होने पर कुछ मजदूर पैदल ही अपने घर जामताड़ा जिला जा रहे थे, जिन्हें स्थानीय ग्रामीणों ने संदिग्ध मानते हुए घेर लिया और स्थानीय प्रशासन को सूचित किया.
लॉकडाउन में पैदल घर जा रहे थे मजदूर लॉकडाउन में सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र स्थित गम्हरिया के एक कंपनी में कार्यरत मजदूरों की टोली गम्हरिया से पैदल जामताड़ा जिला की ओर निकली. लॉकडाउन में कोई साधन उपलब्ध नहीं होने पर मजदूरों ने गूगल मैप का सहारा लिया और पैदल ही जामताड़ा जिला की ओर बढ़ चले, इस बीच जैसे ही नेशनल हाईवे की तरफ बढ़ रहे थे, तभी चांडिल अनुमंडल के चिल्गु पंचायत के काटजोड़ और जामडीह गांव के ग्रामीणों की नजर उन पर पड़ी. जिसके बाद फौरन ग्रामीण हरकत में आए और इन मजदूरों को कोरोना संदिग्ध मानते हुए सभी को गांव में प्रवेश करने से रोक दिया.
ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: गांव में नो एंट्री, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
इस घटना के फौरन बाद ग्रामीणों ने स्थानीय मुखिया समेत जिला प्रशासन को भी सूचित किया. ग्रामीणों के जरिए सूचना दिए जाने के बाद मौके पर पहुंचे मुखिया नरसिंह सरदार ने पैदल जा रहे इन मजदूरों का हालचाल जाना, जिसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया. इससे पूर्व मुखिया और स्थानीय ग्रामीणों ने पैदल जा रहे इन मजदूरों को भोजन भी उपलब्ध कराया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन मजदूरों को जांच के लिए क्वॉरेंटाइन होम भेज दिया.
बता दें कि जिले के तकरीबन सभी गांव के मुख्य द्वार पर ग्रामीणों ने बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित कर रखा है और मुख्य सड़क और प्रवेश द्वार को जाम कर रखा है, जहां जांच के बाद ही लोगों को गांव में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. इधर, यह मजदूर अपने घरों को जाने पैदल निकले थे, तभी गांव के पास प्रवेश द्वार बंद होने के कारण ग्रामीणों ने इन्हें रोका.