सरायकेला: राष्ट्रीय आपदा कोरोना के खिलाफ जंग को सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र के स्थानीय उद्योगों से लगातार मजबूती मिल रही है. इन उद्योगों में जहां कभी मशीनरी कल-पुर्जे से ऑटोमोबाइल पार्ट्स तैयार होते थे, वहां इस वैश्विक महामारी काल में इन उद्योगों में कोरोना टेस्टिंग किट, पीपीई किट, मास्क और सेनेटाइजर का भी निर्माण किया जा रहा है. अब इस कोरोना के जंग को और मजबूती प्रदान करने के लिए गम्हरिया औद्योगिक क्षेत्र के कंपनी वेबको( भारत इंजीनियरिंग एंड बॉडी बिल्डिंग कंपनी) ने कोविड-19 मोबाइल टेस्टिंग वैन का निर्माण किया है.
कोरोना टेस्टिंग के लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं
कोरोना के इस संकट काल में टेस्टिंग के लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और रिपोर्ट के लिए अब 3 दिनों का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा. अब शहर के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी चलंत मोबाइल वैन लेबोरेटरी पहुंचेगी और महज आधे घंटे में कोरोना सैंपल का रिपोर्ट देगी. यह दावा वेबको कंपनी ने किया है. कंपनी ने महामारी के इस काल में कोविड-19 जांच के लिए चलंत मोबाइल वैन तैयार किया है, जहां कोविड-19 सैंपल कलेक्शन की रिपोर्ट सिर्फ आधे घंटे में उपलब्ध होगी.
2 महीने में 55 लाख की लागत से तैयार हुआ टेस्टिंग वैन
कंपनी के निदेशक नवीन भालोटीया ने लॉकडाउन में कंपनी के खुलते ही खुद से चलंत मोबाइल टेस्टिंग लैब वैन की परिकल्पना की, जिसके बाद उन्होंने खुद पूरे वैन का ड्राइंग तैयार किया और इसके निर्माण में जुट गए. 2 महीने में मोबाइल टेस्टिंग वैन तैयार हो गया, जिसकी लागत लगभग 55 लाख रुपए आई. इस वैन को 30 से 35 लोगों की एक टीम ने 2 महीने के अंदर डिजाइन किया. कंपनी का दावा है कि अब कम समय में अधिक से अधिक इस आधुनिक वैन का निर्माण किया जा सकता है.
इसे भी पढे़ं:-झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, कोविड-19 ने औद्योगिक रफ्तार की तोड़ी कमर
आईसीएमआर के मानक पर तैयार किया गया टेस्टिंग वैन
कॉविड टेस्टिंग वैन को डिजाइन करने वाली कंपनी के निदेशक नवीन भालोटिया ने बताया कि वैन में स्थापित किए गए लेबोरेटरी को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आई सी एम आर) के मानकों के तहत तैयार किया गया है, इस आधुनिक टेस्टिंग लैब वैन में सेनेटाइजर चेंबर, थर्मल स्क्रीनिंग और 3 स्टेज में कोविड-19 जांच किए जाने की सुविधा उपलब्ध है, मोबाइल वैन में टेस्टिंग प्रक्रिया के तहत संदिग्ध मरीजों की जांच सेनेटाइज कर की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस वैन में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं जो खुलेंगे और संदिग्ध वैन के अंदर प्रवेश करेंगे, जिसके बाद वैन में लगा दूसरा दरवाजा खुलेगा और संदिग्ध को अंदर जाना होगा, वहां लगे कैमरे और सेंसर की मदद से संदिग्ध की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, जिसके बाद आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट लिया जाएगा, इस जांच के बाद मौजूद लैब टेक्नीशियन गले और नाक से स्वाब का कलेक्शन करेंगे और यह प्रक्रिया महज 30 मिनट के अंदर होगी. उन्होंने कहा कि केवल आधे घंटे में कोरोना टेस्ट प्रक्रिया पूरी होगी और रिपोर्ट भी मिल जाएगी.
एक दिन में 400 सैंपल की होगी जांच
टेस्टिंग वैन के लैब का मशीन एक दिन में अधिकतम 400 लोगों का कोविड की जांच कर सकती है. एक जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद टेस्टिंग के लिए 1200 रुपए चुकाने होंगे. मोबाइल टेस्टिंग वैन के निर्माता और कंपनी के निदेशक के मुताबिक आईसीएमआर के गाइडलाइंस के अनुसार कोविड-19 टेस्टिंग शुल्क 15 सौ रुपए से अधिक नहीं लेना है, जिसके बाद कंपनी जांच के लिए 12 सौ रुपए ले रही है, जिसमें मुख्य रुप से थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है, इसमें यह साफ होता है कि मरीज पॉजिटिव है या नेगेटिव. वहीं वैन में बायोसेफ्टी केबिनेट और केमिकल टॉयलेट के अलावा लैब टेक्नीशियन के लिए चेंबर बनाया गया है.