सरायकेला: जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण और आदिम जनजाति बहुल गांव की सूरत बदलेगी. सरकार के अति कमजोर जनजातीय समूह, पीवीटीजी ग्रामोत्थान योजना से अब कई गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाने की योजना बनाई गई है.
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24 से भी अधिक गांव होंगे विकसित
सरायकेला जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आदिम जनजाति बहुल गांव हैं, जहां आदिम जनजाति के लोग निवास करते हैं. वहां वर्ष 2020-21 में आवास, पेयजल, आजीविका, सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट, तालाब निर्माण स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र की मरम्मत समेत बुनियादी संरचनाओं को सुदृढ़ किया जाएगा. जिले के कुचाई, नीमडीह और चांडिल प्रखंड के 24 से भी अधिक गांव को इन योजनाओं के तहत चयनित किया गया है.
आईटीडीए परियोजना से मांगा गया प्रस्ताव
आदिम जनजाति बहुल गांव के दिन बदलने को लेकर आईटीडीए परियोजना से प्रस्ताव मांगा गया है. आईटीडीए परियोजना निदेशक ने जिले के कुचाई नीमडीह और चांडिल प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पत्र लिखकर गांव में आवश्यकता अनुसार प्रस्ताव मांगे हैं. जिन पर सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आदिम जनजाति बहुल गांव में मूलभूत सुविधाओं को बहाल किया जाएगा.
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आदिम जनजाति आजीविका पर फोकस
पीवीटीजी ग्रामोत्थान योजना से आदिम जनजाति वर्ग के लोगों को आजीविका उपलब्ध कराना इस योजना की पहली प्राथमिकता होगी. जिले के अधिकांश आदिम जनजाति वर्ग जंगल और वन पर निर्भर हैं. ऐसे में अधिकांश लोगों को वनों से जुड़े सकल घरेलू उत्पाद निर्माण से जोड़कर उन्हें बेहतर आजीविका प्रदान कराना योजना के उद्देश्य में शामिल है.
बिरसा आवास योजना से मिलेगा आदिम जनजाति को पक्का मकान
पीवीटीजी ग्रामोत्थान योजना के तहत वर्ष 2020 -21 में आदिम जनजाति परिवार के लोगों को बिरसा आवास योजना से जोड़ते हुए उन्हें रहने के लिए पक्का मकान देने की योजना शामिल है. इसके अलावा योजना में मुख्य रूप से बिरसा आवास योजना, पेयजल के लिए डीप बोरिंग, सोलर समरसेबल, मिनी जलापूर्ति योजना, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, तालाब निर्माण, पेवर्स ब्लॉक सड़क निर्माण नाली सिंचाई व्यवस्था, आरसीसी पुलिया निर्माण शामिल है.