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सरायकेलाः ट्राइबल डेवलपमेंट मीट का तीसरा संस्करण आयोजित, वेबिनार में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा हुए शामिल - minister arjun munda join third edition of tribal development

कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) झारखंड ने ट्राइफेड, यूएनडीपी इंडिया और सिटीजन फाउंडेशन के सहयोग से गुरुवार को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर ट्राइबल डेवलपमेंट मीट का तीसरा संस्करण आयोजित किया. इस कार्यक्रम में 00 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

tribal development meet organized.
मंत्री अर्जुन मुंडा.

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Published : Jul 10, 2020, 6:58 AM IST

सरायकेलाः कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) झारखंड ने ट्राइफेड, यूएनडीपी इंडिया और सिटीजन फाउंडेशन के सहयोग से गुरुवार को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर ट्राइबल डेवलपमेंट मीट का तीसरा संस्करण आयोजित किया. इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा मुख्य उपस्थित रहे. मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सीआईआई को लगातार तीन वर्षों से आदिवासी मुद्दों पर ट्राइबल डेवलपमेंट आयोजित करने और इसे सीआईआई के प्रमुख कार्यक्रम कैलेंडर का हिस्सा बनाने के लिए बधाई दी.

पिछड़े वर्गों के युवाओं के लिए विकास और रोजगार
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज के पिछड़े वर्गों के युवाओं के विकास और रोजगार को सुनिश्चित करने के लिए एक सही रास्ता तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है. इस दौरान मंत्री ने कहा कि ‘हमारी सरकार ने आदिवासी आबादी के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया है’. उन्होंने कहा कि भारत सरकार आदिवासी समुदाय के समग्र तरक्की और विकास की दिशा में विशेष पहल कर रही है, ताकि वह भारत की विकास की कहानी में तेजी से हिस्सा ले सके. उन्होंने आदिवासी और अन्य पिछड़े समुदायों के उत्थान के लिए कौशल विकास की भूमिका पर भी विशेष जोर दिया है.

यूएनडीपी के लिए समावेशी विकास
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) इंडिया के रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव (कंट्री हेड) शोको नोदा ने कहा कि यूएनडीपी के लिए समावेशी विकास का मतलब है 'सभी के लिए समान अवसर और विकल्प'. आज के परामर्श ने हमें सतत विकास और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए संभावित सहयोग का पता लगाने में मदद की, जो 'कोई पीछे छूटे न' की नीति में आधारित है. इसके साथ ही उन्होंने कॉरपोरेट क्षेत्र के मित्रों से अनुरोध किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनकी मौजूदा सीएसआर रणनीतियां आदिवासी समुदायों की विविध आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हैं.

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विकास के प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए साझेदारी
सीआईआई झारखंड राज्य परिषद और उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट सेवा), टाटा स्टील लिमिटेड के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने कहा कि सीआईआई झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट मीट का मंच ज्ञान साझा करने और जागरूकता सृजन के लिए एक बहुत उम्दा प्रयास है. यह सरकार, उद्योग और सिविल सोसायटी को एक साथ लाने के लिए एक पहल है, ताकि विकास के प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए साझेदारी बनाई जा सके. उन्होंने कहा कि इस मंच का उद्देश्य है अधिक आदिवासी और दलित उद्यमियों को उभार के बाहर लाना, ताकि झारखंड के आकांक्षी जिलों में समावेशी विकास हो सके.

सपनों को साकार करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रत्साहन
सीआईआई झारखंड स्टेट काउंसिल और मैनेजिंग डायरेक्टर, मेटलडाइन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष संजय सभरवाल ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सीआईआई और झारखंड का उद्योग जगत आदिवासी समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हम शिक्षा, रोजगार सृजन के उपाए और उद्यमिता के संदर्भ में आदिवासी युवाओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे. हम आशा करते हैं कि आदिवासी युवाओं को उनकी आकांक्षाओं और सपनों को साकार करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रत्साहन मिलेगा.

प्रत्येक व्यक्ति के पास राष्ट्र के उन्नति और विकास के लिए बहुत कुछ
सीआईआई, सीएसआर और स्किल डेवलपमेंट पैनल और चीफ कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील लिमिटेड संयोजक सौरव रॉय ने कहा कि प्रत्येक समुदाय और प्रत्येक व्यक्ति के पास राष्ट्र के उन्नति और विकास के लिए बहुत कुछ है और यह उसकी जिम्मेदारी है. हर कोई एक दूसरे की मदद करने और विकास की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अपना योगदान करें.

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आदिवासी राज्यों में दो बड़ी समस्याएं
सचिव सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सिटिजंस फाउंडेशन गणेश रेड्डी ने कहा कि सीआईआई झारखंड जनजातीय विकास बैठक का फोकस केवल बातचीत विनिमय पर नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य जनजातीय विकास के लिए संबंधित क्षेत्रों को चार्ट करना और भविष्य की कार्रवाई के प्रस्तावों पर ध्यान केंद्रित करना है. अभी हमारे पास आदिवासी राज्यों में दो बड़ी समस्याएं सामने है. पहली कोविड-19 आपदा से लड़ाई और दूसरी एक न्यू नॉर्मल की तैयारी. ऐसे समय में जब राज्य में लाखों आदिवासी भाई बहेन वापस आ रहे हैं, तब हमें आगे बढ़के ये सोचना होगा के कैसे उन्हें एक मानव संसाधन के राज्य की तरक्की लगाई जाई.

ट्राइबल उत्पादों की डिमांड हर जगह
वेबिनार को आईएएस प्रवीर कृष्ण, मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (TRIFED ) द्वारा भी संबोधित किया गया. उन्होंने मौके पर TRIFED द्वारा चलाए जाने वाले कई कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि ट्राइबल उत्पादों की डिमांड हर जगह काफी है, लेकिन आदिवासी कलाकार दलालों के चक्कर में अपना भारी नुक्सान करने को मजबूर हैं और इसी उलझन को सुलझाने के उद्देश्य से TRIFED ऑनलाइन मार्किट से आदिवासी कलाकारों को जोड़ने के प्रयास में लगा है, ताकि नयी टेक्नोलॉजी उन्हें उनके खरीदारों तक जोड़ सकें.

200 से अधिक लोगों ने लिया भाग
ट्राइबल डेवलपमेंट मीट में आदिवासी समुदायों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और विकास की मुख्य धारा में आने के लिए उनके लिए एक रास्ता तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया गया था. जनजातीय कार्यबल, रोजगार और उद्यमिता, योजनाएं और नीतियां, आदिवासी विकास, कौशल विकास और शिक्षा की भूमिका, सफलता की कहानियां आदि इस वेबिनार के मुख्य आलोचना के विषय थे. इस महत्वपूर्ण मंच में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

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