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सरायकेलाः शिक्षक ने बीईओ के कक्ष में किया हंगामा, लगाए गए आरोपों पर जताई नाराजगी

सरायकेला में जिलिंगगोरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक चंद्र मोहन चौधरी ने बीईओ कार्यालय में काफी हंगामा किया. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन पात्रा ने कई शिक्षकों पर आवास और परिवहन भत्ता मद में नियम के विरुद्ध राशि निकासी किए जाने का आरोप लगाया है, जिसे लेकर वो आक्रोशित हैं. बीईओ ने उपायुक्त से अपनी जान माल का खतरा बताया है.

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शिक्षक ने किया हंगामा

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Published : Sep 10, 2020, 10:32 PM IST

सरायकेला: जिले में गम्हरिया के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन पात्रा ने कई शिक्षकों पर आवास और परिवहन भत्ता मद में नियम के विरुद्ध राशि निकासी किए जाने की शिकायत जिला शिक्षा अधीक्षक से की है. उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा भी की है, जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है. इस मामले में आक्रोशित जिलिंगगोरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक चंद्र मोहन चौधरी ने बीईओ कार्यालय में काफी हंगामा किया. कई कर्मचारियों के समझाए बुझाने के बाद वे कार्यालय से बाहर निकले.

बीईओ पात्रा ने शिक्षक चंद्र मोहन चौधरी के खिलाफ लिखित सूचना उपायुक्त समेत शिक्षा विभाग के सभी वरीय अधिकारियों को देकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है. घटना गुरुवार की है. उपायुक्त को लिखे पत्र में बीईओ ने बताया कि शिक्षक चौधरी जिलिंगगोरा स्थित उत्क्रमित मवि. में पदस्थापित हैं और 31 दिसंबर को वे सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

क्या है मामला
उपायुक्त को लिखे पत्र में बीईओ ने बताया कि शिक्षक चौधरी पर 1 सितंबर 2008 से 31 मई 2019 तक आवास और परिवहन भत्ता मद में नियम के विरुद्ध 4 लाख 82 हजार 2 सौ बत्तीस रुपये की निकासी का आरोप है, इस मामले की जांच के बाद बीईओ की ओर से औपबंधिक गणना तालिका जिला शिक्षा अधीक्षक को भेजते हुए उसकी एक प्रतिलिपि चौधरी को भी भेजी गई, प्रतिलिपि प्राप्त करते ही चौधरी ने आपा खोते हुए गुरुवार को सीधे बीईओ के कक्ष में आकर आक्रोशित मुद्रा में अनाप शनाप आरोप लगाते हुए धमकी दी. पत्र में बीईओ ने सरकारी सेवक के आचरण का प्रतिकूल बताते हुए घोर अनुशासनहीनता के मामले में शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही आशंका भी जताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है.

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विभागीय स्तर से मिला था जांच
इधर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन पात्रा ने बताया कि उन्हें विभागीय स्तर पर जांच का जिम्मा मिला था, जिसकी जांच कर उन्होंने रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दी थी. चिट्ठी जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से जारी की गई है. उन्होने 2019 के यात्रा भत्ता और आवास भत्ता में गड़बड़ी पाए जाने की बात कही है.

शिक्षक ने गलत निकासी से किया इंकार
दूसरी ओर सहायक शिक्षक ने ऐसे किसी भी गड़बड़ी से इंकार करते हुए कहा कि उनकी ओर से सभी बिल और रिपोर्ट सौंपे गए. उन्होंने बताया कि उन्हें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि दिसम्बर में वे सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

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