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नया साल-नया संकल्पः नक्सलवाद खात्मे के लिए पुलिस की विशेष प्लानिंग, सरेंडर पॉलिसी होगी मजबूत - नक्सली सरेंडर पॉलिसी

नक्सलवाद खात्मे को लेकर पुलिस की विशेष प्लानिंग की जा रही है. सरायकेला पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर लगातार का कर रही है. नए साल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जा रहेगा. साथ ही सरेंडर पॉलिसी को मजबूत कर भटके युवाओं को इसका लाभ दिया जाएगा.

special planning by police to end naxalism in seraikela
पुलिस की विशेष प्लानिंग

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Published : Jan 1, 2021, 2:49 AM IST

Updated : Jan 1, 2021, 4:56 AM IST

सरायकेला: राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिला पुलिस लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. जिसमें पुलिस को कई सफलताएं भी हाथ लगी है. वर्ष 2020 में जिला पुलिस ने नक्सल से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. वहीं पुलिस ने माओवादी संगठन को भी लगातार कमजोर करने का काम किया है. नए साल में विशेष एक्शन प्लान के तहत पुलिस नक्सलवाद खात्मे को लेकर प्रयास करेगी.

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भटरे युवा हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटें, सरेंडर पॉलिसी का मिलेगा लाभनक्सली गतिविधियों पर नकेल कसने के साथ-साथ पुलिस नक्सलवाद के रास्ते पर बढ़ रहे युवाओं को झारखंड सरकार के सरेंडर पॉलिसी से जोड़कर लाभ दिलाने के लिए प्रयासरत है. कोल्हान प्रमंडल के डीआईजी राजीव रंजन ने इस संबंध में बताया कि घोर नक्सल प्रभावित जिला सरायकेला और इससे सटे पश्चिम सिंहभूम जिला में पुलिस को नक्सलवाद खात्मे के प्लानिंग में विशेष सफलता प्राप्त हुई है. वहीं हाल के दिनों में बड़े नक्सली लीडर्स के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद दस्ता लगातार कमजोर भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर नक्सलवाद के राह में भटके युवाओं को सरेंडर पॉलिसी से जोड़कर मुख्यधारा में लौटने के लिए भी पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार की नक्सल सरेंडर पॉलिसी अन्य राज्यों से बेहतर है, जिस का भरपूर लाभ भटके युवाओं को मिलेगा.

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55 साल बाद नक्सलवाद की समीक्षा जरूरी "क्या खोया-क्या पाया"
डीआईजी राजीव रंजन सिंह बताते हैं कि नक्सली संगठनों ने वर्ष 2016 में ही 50वीं सालगिरह मना लिया है. आज 55 साल बीत जाने के बाद नक्सली संगठनों को समीक्षा करनी चाहिए. इन 55 साल में इन्होंने क्या खोया है और क्या पाया. हथियार उठाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. जबकि यह अभियान एक ऐसा अभियान है जिसमें मिलना कुछ भी नहीं और खोना लगातार जारी है. पुलिस मुख्यालय से प्राप्त निर्देश पर डीआईजी ने भटके युवाओं से अपील की है कि वो नक्सलवाद का रास्ता छोड़ सामान्य जीवन को चुनें, इसके लिए पुलिस हरसंभव मदद देने को तैयार है.

Last Updated : Jan 1, 2021, 4:56 AM IST

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