सरायकेला: जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने वाला सीतारामपुर डैम और इसके जल ग्रहण क्षेत्र में गाद जमने से डैम जलग्रहण क्षमता में लगातार कमी आ रही है. विभागीय लापरवाही के कारण डैम की सफाई नहीं करवाई जा रही. नतीजतन डैम में जितना जल ग्रहण होना चाहिए, उससे काफी कम मात्रा में जल संचय हो रहा है.
इसे भी पढ़ें-सरायकेला: दलमा अभयारण्य में पहुंचने लगा हाथियों का झुंड, जनवरी में चला जाता है ओडिशा और बंगाल
14.76 करोड़ का बना था सफाई प्राकलन
सीतारामपुर डैम सफाई के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कार्यपालक अभियंता की ओर से वर्ष 2016 में 14.76 करोड़ रुपए का प्राकलन तैयार कर विभाग को भेजा गया था. जिससे डैम की सफाई, गाद निकालने का काम और जल भंडारण क्षमता को बढ़ाना था, लेकिन विभागीय उदासीनता और लापरवाही के कारण बरसों बीतने के बाद भी आज तक डैम की सफाई नहीं कराई जा सकी है, जोकि निकट भविष्य में एक गंभीर समस्या बन कर उभर सकता है.
2017 में डैम से गाद हटाने हुआ था पीआईएल
सीतारामपुर डैम और आस पास क्षेत्र के साफ-सफाई और गाद निकालने को लेकर झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, जलाड़ो ने वर्ष 2017 में जनहित याचिका दायर की थी. झारखंड हाई कोर्ट ने सितंबर 2018 में आदेश पारित कर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव को उचित समय के अंदर सफाई का आदेश दिया था, बावजूद इसके आज तक इस पर कोई पहल नहीं हो सकी है.
कोर्ट के आदेश पर बना था डैम का स्पिलवे गेट
डैम के टूटे हुए पांच स्पिलवे गेट के कारण लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा था. जलाड़ो की ओर से वर्ष 2016 में जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर कर 2 वर्ष बाद तकरीबन एक करोड़ की लागत से स्पिलवे गेट का निर्माण किया गया. जिससे डैम का पानी बर्बाद नहीं हो रहा है, लेकिन गाद नहीं हटने से लगातार जलग्रहण क्षमता कम होती जा रही है.