सरायकेला: खरसावां जिले में मॉब लिंचिंग की घटना में मारे गए तबरेज अंसारी के मामले में सरायकेला-खरसावां जिले की पुलिस ने अपनी चार्जशीट सौंपी है. इस चार्जशीट में तबरेज अंसारी की मौत को दिल का दौरा पड़ना बताया गया है. जबकि भीड़ के हमले से मौत होने की बात से पुलिस ने इनकार कर दिया है.
सभी आरोपियों को क्लीन चिट
सरायकेला-खरसावां जिले की पुलिस की ओर से सभी आरोपियों और गांववालों को क्लीन चिट दिया गया है. जिसमें गैर इरादतन हत्या यानी धारा 304बी के तहत केस को सही बताया गया है. धारा 302 के तहत सभी 11 आरोपियों पर दायर मुकदमा को गलत करार दिया गया था.
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'दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत'
इस चार्जशीट में पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बताया है और कहा है कि 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की मौत पिटाई से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई है. इस मामले में पिटाई के वीडियो की भी जांच कराई जा रही है.
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पुलिस की रिपोर्ट
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि तबरेज अंसारी की घटनास्थल पर मौत नहीं हुई है. इसके अलावा धातकीडीह गांव के लोगों का कोई ऐसा इरादा पहले से नहीं था कि तबरेज अंसारी को मार डालना है. वह सिर्फ चोरी करते पकड़ा गया था इसलिए उसकी पिटाई की गई थी. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई थी. क्योंकि उसके सिर में जो चोट लगी थी, उससे ज्यादा ब्लड नहीं निकला था, जिससे मौत हो सके. वहीं, मेडिकल रिपोर्ट में सिर में लगी चोट और दिल का दौरा पड़ना, दोनों को मौत का कारण बताया गया था.
18 जून को पिटाई के बाद 22 जून को मौत
सरायकेला-खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में यह घटना घटी थी. 18 जून को तबरेज अंसारी को लोगों ने बाइक चोरी करते हुए पकड़ा था. इसके बाद भीड़ ने उसे बिजली के पोल से बांधकर पीटा था. इसके बाद इलाज के दौरान 22 जून को उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद मॉब लिंचिंग का मुद्दा छा गया था.
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संसद में भी उठा था मुद्दा
यह मामला पूरे देश की चर्चित घटना बनी थी. इस घटना के बाद वहां के एसपी चंदन सिन्हा को हटाकर कार्तिक एस को सरायकेला-खरसावां जिले का एसपी बनाया गया था. इस मामले को संसद में जोर-शोर से उठाया गया था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सफाई देनी पड़ी थी. तबरेज अंसारी सरायकेला-खरसावां जिले के ही कदमडीहा गांव का ही रहने वाला था. उसकी मौत के बाद तबरेज अंसारी की पत्नी के बयान पर 11 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था और सबको जेल भेजा गया था.