झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा रोबोट, एनआईटी सरायकेला में रिसर्च जारी

कोरोना वायरस ने दुनिया को एक ऐसे मोड़ पर ला दिया है, जहां से हमें नई सोच के साथ जिंदगी शुरू करनी होगी. हेल्थ सेक्टर से जुड़े खतरनाक कामों में इंसानों के लिए जोखिम कम करने के लिए रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बेहद कारगर साबित हो सकता है. झारखंड के सरायकेला जिले में स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इन दिनों इसको लेकर अध्ययन किया जा रहा है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट.

Robot being prepared to stop Kovid-19
कोविड-19 को रोकने के लिए तैयार किया जा रहा रोबोट

By

Published : May 28, 2020, 7:08 AM IST

सरायकेला: कोविड-19 संक्रमण 21वीं सदी की अब तक की पहली और सबसे बड़ी महामारी के रूप में सामने आई है. इस महामारी ने कुछ ही महीनों में 209 से भी ज्यादा देशों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. आज दुनिया भर के शोधकर्ता इसी विषय पर काम कर रहे हैं कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के जरिए कोविड-19 संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य क्षेत्र में खतरनाक कामों में इसका अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए जो मानव के लिए खतरे और जोखिम को कम करें.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

आज वैश्विक महामारी और भारत में राष्ट्रीय आपदा घोषित कोविड-19 की रोकथाम के उपाय पूरे विश्व के साथ भारत ने भी लगातार किए जा रहे हैं, अनेकों पश्चिम देश में कीटाणु शोधन के लिए रोबोटिक्स का प्रयोग किया जा रहा है. अब रोबोटिक्स ना सिर्फ मरीजों को दवा और भोजन देते हैं, बल्कि इनके लक्षण पर भी बारिक से नजर रखते हैं. संक्रमण के इस महामारी काल में अब रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर जबरदस्त तरीके से शोध होने शुरू हो चुके हैं.

एनआईटी में रोबोटिक्स पर ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी

कोविड-19 संक्रमण के बाद अब महामारी के इलाज को लेकर उम्मीदें डॉक्टर और रिसर्च लैब पर आ टिकी है, ये डॉक्टर और रिसर्च लैब भी नए तकनीक के साथ काम कर रहे हैं. आज दुनियां भर के शोधकर्ता इसी विषय पर काम कर रहे हैं कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स कोविड-19 कीटाणु शोधन के क्षेत्र में बेहतर तरीके से प्रयोग में लाई जाएं. इसी विषय को ध्यान में रखते हुए सरायकेला जिले के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, (एनआईटी) में इन दिनों रोबोटिक्स के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर पांच दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है.

एनआईटी सरायकेला का रिसर्च टीम

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में रांची यूनिवर्सिटी की व्यवस्था पर पड़ा है असर, देखिए RU के वीसी से खास बातचीत

संस्थान के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से इस विषय पर लगातार शोध किए जा रहे हैं. इसके तहत ऑनलाइन सेमिनार के जरिए देशभर के विभिन्न संस्थानों के फैकल्टीज और छात्रों की बड़ी तादाद अब इस प्रक्रिया से जुड़ने लगी है. इस सेमिनार के जरिए इस बात पर अधिक से अधिक शोध किया जा रहा है कि अब विभिन्न क्षेत्रों में मानव रहित सेवा किस प्रकार से ली जाए, ताकि आगे भविष्य में इस महामारी के प्रकोप से बचा जा सके. कॉलेज में आयोजित हो रहे ऑनलाइन वर्कशॉप के जरिए प्रतिभागियों से सत्र पर आधारित प्रोजेक्ट भी बनवाए जा रहे हैं, जो आज महामारी के दौर में प्रासंगिक होंगे.

रोबोटिक्स कभी मानव के लिए था खतरा

आज से तकरीबन कुछ वर्ष पूर्व तक यह माना जा रहा था कि रोबोट मानव के लिए अनुकूल नहीं है. कई तकनीकी कार्यों में जब रोबोट का सहारा लिया जाने लगा तो लोगों को यह लगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और यह रोबोट्स अब मानव के रोजगार को छीनने का काम करेंगे, लेकिन आज इस संक्रमण के दौर में इस रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अधिक से अधिक प्रयोग कर मानव जाति के कल्याण के क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं. अब मानव अपने कार्य दक्षता को भी इस रोबोटिक्स के जरिए बढ़ा रहे हैं.

एआईसीटीई के ऑनलाइन ट्रेनिंग एंड लर्निंग कार्यक्रम 'अटल'

कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में जारी लॉकडाउन को देखते हुए एआईसीटीई ऑनलाइन ट्रेनिंग एंड लर्निंग कार्यक्रम "अटल" के तहत एनआईटी कॉलेज में लगातार ऑनलाइन सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जिसका लाभ बड़ी संख्या में देशभर के तकनीकी संस्थान के छात्रों और फैकल्टीज को मिलने लगा है. एक ओर जहां संस्थान में सेमिनार आयोजित कर एक वक्त में सीमित लोगों तक ही अपनी तकनीकी जानकारियां पहुंचाई जा रही थी.

ये भी पढ़ें-लॉकडाउन इफेक्ट: धोनी की 'रानी' को है 'राजकुमारों' का इंतजार, कैंसिल हुआ बैंड-बाजा-बारात का कारोबार

वहीं अब ऑनलाइन ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत देशभर में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसे पहुंचाया जा रहा है. वहीं पूर्व में सेमिनार आयोजित होने के दौरान लोगों के व्यवस्था समेत रहने में जो खर्च आते थे उसे भी इस ऑनलाइन तकनीकी प्रक्रिया को अपनाकर कम किया जा रहा है. वहीं इन कार्यक्रमों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रुड़की और एनआईटी कॉलेज के एक्सपर्ट्स भी शामिल होते हैं.

भविष्य में ऑनलाइन हाइब्रिड मोड पर होंगे कार्य संपन्न

कोविड-19 के इस वैश्विक महामारी के बाद अब मानव जीवन के साथ-साथ तकनीकी विज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में भी कई बदलाव देखने को मिलने लगे हैं, आशा जाहिर की जा रही है कि निकट भविष्य में अब कई कार्य ऑनलाइन ही संपन्न होंगे और इनमें से ज्यादातर कार्य रोबोटिक्स के जरिए संपादित होंगे. वह दिन दूर नहीं जब किसी रेस्टोरेंट्स में भी वेटर के बजाय रोबोट खाना को सर्व करें और रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल जैसे स्थानों पर आम लोगों को थर्मल स्कैनिंग से लेकर सैनिटाइज करने का काम भी रोबोट् के जरिए किए जाएं.

भविष्य में रोबोटिक्स के जरिए संक्रमण के खतरे को भी कम किया जा सकता है. वहीं मनुष्य अपने कार्य-भार को कम करते हुए तकनीकी दक्षता को अधिक से अधिक बढ़ा सकता है. यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित रोबोटिक्स के जरिए ही संभव हो पाएगा.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details