सरायकेला-खरसावां: जिला में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से जिला परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लगातार सड़क जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में 11 से 17 जनवरी तक, 7 दिनों में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत कैंप लगाकर आम लोगों को सड़क यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया, बावजूद इसके सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है.
जिला में भले ही सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन हो गया हो लेकिन न ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है और ना ही लोग ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूक हुए है, इधर सड़क सुरक्षा सप्ताह के समापन के बाद जिला के लीगल सामाजिक संस्था जलाडो( झारखंड लीगल एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने परिवहन विभाग द्वारा चलाए गए सड़क सुरक्षा सप्ताह को आई वास करार दिया है. संस्था के अध्यक्ष और अधिवक्ता ओमप्रकाश ने सड़क सुरक्षा को लेकर सिर्फ लोगों को जागरूक करने या गांधीगिरी करने से सड़क पर होने वाले दुर्घटनाओं में कमी नहीं आने की बात कही है, संस्था का कहना है कि पहले सड़क व्यवस्था ठीक की जाए, जिसके बाद जागरूकता अभियान चलाया जाए. ये भी देखें-धनबादः टाटा दोराबजी पार्क में 19वां फ्लावर शो का आयोजन, रंगबिरंगे फूलों ने मोहा सबका मन
टाटा-कांड्रा मुख्य सड़क पर है कई खामियां
स्टेट हाईवे के रूप में बनाए गए सरायकेला जिला के लाइफ लाइन कहे जाने वाले टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर अब भी कई खामियां व्याप्त है, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. जलाडो ने तकरीबन 10 साल पूर्व इस सड़क निर्माण को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसके बाद सरकार ने संज्ञान लेते हुए सड़क निर्माण करवा दिया, लेकिन आज भी इस सड़क पर कई खामियां व्याप्त है. मसलन मुख्य मार्ग होने के बावजूद भी कई स्थानों पर आज तक स्ट्रीट लाइट नहीं लग पाए हैं, वहीं, रात के समय जब सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती है, इसके लिए लगाए गए रिफ्लेक्टर भी खराब हो गए हैं, कई स्थानों पर जेबरा क्रॉसिंग मिट गया है. वहीं, बेरोकटोक सड़कों पर तेज गति से भारी वाहनों का परिचालन निरंतर जारी है, जिसके चपेट में आकर लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं.
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रोड निर्माता कंपनी जेआरडीसीएल ने नहीं किया पूरा निर्माण
टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग सड़क का निर्माण जेआरडीसीएल के सहयोग से किया गया है, लेकिन प्लान के मुताबिक आज तक यह सड़क पूरी तरह से कंप्लीट नहीं हो पाया, मास्टर प्लान में सड़क निर्माण के साथ कई सुविधाएं और पार्किंग की व्यवस्था की जानी थी, जो आज तक अधर में है. ऐसे में संस्था ने मांग की है कि इन सारे सुविधाओं को उपलब्ध कराने के बाद ही पूरी तरह सड़क जागरूकता अभियान चलाए जाए.
अधिकारियों ने कहा सड़क है ठीक, लोग ही हैं लापरवाह
इधर अधूरे सड़क और दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि के मुद्दे पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता का मानना है कि सड़क निर्माण तय मापदंडों पर हुआ है, जबकि सड़क पर पर्याप्त मात्रा में संकेतक और सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर संदेश दिए गए हैं, लेकिन आम राहगीर और सड़क पर चलने वाले वाहन चालक अपने लापरवाही के कारण ही दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. अधिकारी का मानना है कि सड़क निर्माण में कोई खामी नहीं है, लेकिन रफ ड्राइविंग ही दुर्घटना का प्रमुख कारण है, ऐसे में लोगों को जागरूक करके ही दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है. एक और सड़क निर्माण को लेकर आम लोगों में संशय व्याप्त है, तो वहीं अधिकारी इससे इत्तेफाक नहीं रखते.