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अगवा व्यवसायी और कर्मचारी मु्क्त, पुलिस ने 6 अपराधियों को किया गिरफ्तार

सरायकेला में अगवा किए गए व्यवसायी महेंद्र और कर्मचारी अश्विनी को पुलिस ने मुक्त करा लिया है. इस मामले में पुलिस ने 6 अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

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6 अपराधियों को किया गिरफ्तार

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Published : Sep 5, 2021, 10:51 PM IST

सरायकेला: आटा मिल व्यवसायी महेंद्र अग्रवाल और उनके कर्मचारी अश्विनी महतो को सकुशल बरामद करते हुए पुलिस ने छह अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया है. सरायकेला-खरसावां के एसपी आनंद प्रकाश ने मामले का खुलासा करते हुए प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि महेंद्र अग्रवाल और अश्विनी महतो को कांड्रा के रायपुर गांव से मुक्त कराया गया. उनका अपहरण 27 अगस्त को पैसे के लिए किया गया था.

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अपहरणकर्ता पहले एक करोड़ रुपए की फिरौती की मांग कर रहे थे, जिसके बाद 10 लाख रुपए में डील तय हुआ. अपहरणकर्ताओं ने महेंद्र अग्रवाल के पास वारदात के समय मौजूद 35 हजार रुपए भी ले लिए थे. वो अपहरण के बाद दोनों को पहले सीनी ले गए और वहां से फिरौती की रकम मांगी. उसके बाद वो अपना ठिकाना लगातार बदल रहे थे. कांड्रा के गगड़ाबेड़ा से दूसरी जगह ले जाए जाने के दौरान इन्हें दबोचा गया. गिरफ्तार किए गए अपहरणकर्ताओं में मिलन कुमार दास, राधा बलम कालिंदी, कालिदान कालिंदी, रोथो मांझी, दयामेय केवर्त और मनोज सरदार शामिल हैं. सभी अपराधियों ने अपना अपराध कुबूल कर लिया है.

जानकारी देते एसपी



अपहरणकर्ताओं का कोई आपराधिक इतिहास नहीं, ज्यादातर बेरोजगार
एसपी ने कहा कि शुरू में हमें भी आशंका थी कि यह मामला अपहरण का नहीं भी हो सकता है. लेकिन अनुसंधान में हमें पता चला कि फिरौती वसूलने के लिए अपहरण किया गया है. जिसके बाद हमारी टीम ने तकनीकी और मानवीय सहयोग से सफलता पाई. इस मामले में एक अभियुक्त की गिरफ्तारी अभी होनी बाकी है. सभी आरोपी स्थानीय हैं, इनका अभी तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.

गिरफ्तार सभी अपराधी या तो छोटे-मोटे काम करते हैं या बेरोजगार हैं. इसका साजिशकर्ता मिलन कुमार दास है. 27 अगस्त की रात को ही व्यवसायी और कर्मचारी का अपहरण हो गया था, उस दिन उनको मुड़िया गांव में ही रखा गया. उसके बाद उनको अलग-अलग जगहों पर रखा जाता था. जो यह काम कर रहे थे वो पहली बार अपहरण किए थे. वो नौसिखिए थे लेकिन हम काफी परेशान रहे, अनहोनी की आशंका भी थी. उन्होंने कहा कि मुड़िया में महेंद्र अग्रवाल का मिल था, वहां से वह रोज आना-जाना करते थे. इसलिए अपहर्ताओं को इसका पता था, 27 अगस्त को रात में लौटते समय उनका अपहरण किया गया.

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