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सरायकेला के शहरी क्षेत्र से खेल के मैदान नदारद, आबादी के मुताबिक अब नहीं है खेलने की जगह - सरायकेला के शहरी क्षेत्र से खेल के मैदान विलुप्त हो रही

सरायकेला के शहरी क्षेत्र में खेलकूद के मैदान अब नदारद होते जा रहे हैं. बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से अब यहां आबादी के हिसाब से खेल के मैदान नहीं बचे हैं. इस वजह से सार्वजनिक कार्य, कॉमन यूटिलिटी और बच्चों के खेलने संबंधित सभी कार्य बाधित हो रहे हैं.

Playgrounds missing from urban area of Seraikela
सरायकेला के शहरी क्षेत्र से खेल के मैदान नदारद

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Published : Mar 3, 2021, 6:25 AM IST

Updated : Mar 3, 2021, 11:11 AM IST

सरायकेला: जिले के नगर निगम क्षेत्र में खेलकूद के मैदान अब नदारद होने लगे हैं, जिस हिसाब से शहरी क्षेत्र में आबादी बढ़ रही है, उसके अनुरूप अब खेल के मैदान नहीं बचे हैं, ऐसे में सार्वजनिक कार्य, कॉमन यूटिलिटी और बच्चों के खेलने संबंधित सभी कार्य बाधित हो रहे हैं. नगर निगम क्षेत्र में आवास बोर्ड की ओर से खेल के मैदान के लिए छोड़े गए भूखंडों पर अधिकांश जगह अतिक्रमण कर लिया गया है, जबकि कई स्थानों पर चिन्हित भूखंड जो टाउन प्लान के मुताबिक खेल के मैदान हैं, उसका अब तक चिन्हित कर डेवलपमेंट भी नहीं हो सका है.

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अधिकांश मैदानों पर अवैध कब्जा
राज्य नगर विकास विभाग के अधीन नगर निगम और आवास बोर्ड की ओर से जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के कई स्थानों पर कॉमन यूटिलिटी और खेलकूद के लिए मैदान बनाए गए थे, लेकिन अधिकांश मैदानों पर अवैध कब्जा है. समाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव और झारखंड राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक से चिन्हित भूखंड में खेल मैदान विकसित किए जाने की मांग की है. साल 1993 में आवास बोर्ड के टाउन मास्टर प्लान में कॉमन यूटिलिटी ओपन स्पेस के रूप में चिन्हित किए गए भूखंडों को विकसित नहीं किया गया है.

आवास बोर्ड के मकान और फ्लैट में हजारों लोग करते हैं निवास

तत्कालीन बिहार राज्य के वक्त आवास बोर्ड की ओर से मकान, दुकान, फ्लैट और प्लॉट लोगों को आवंटित किए गए थे. इन मकान और फ्लैट समेत प्लॉट में हजारों की आबादी निवास करती है, लेकिन बच्चों के खेल के लिए अधिकांश स्थान पर बनाए गए मैदान नहीं बचाये जा सके हैं. इस समस्या पर झारखंड राज्य आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि कॉमन यूटिलिटी स्पेस संबंधित अतिक्रमण के मामले फिलहाल विभाग के पास संज्ञान में नहीं है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अगर स्थानीय लोगों की ओर से कोई मांग या लिखित शिकायत की जाती है, तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि बोर्ड के भूखंडों पर अतिक्रमण संबंधित मामलों पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Mar 3, 2021, 11:11 AM IST

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