सरायकेला: जिला में चांडिल थाना क्षेत्र अंतर्गत पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. गुरुवार शाम चांडिल पाटा डाउन टोल प्लाजाकर्मियों के द्वारा नाका पर महंत और उनके एक शिष्य के साथ बदतमीजी और मारपीट हुई है. जिसके उनके समर्थक उग्र हो गए टोल पर लोगों का हंगामा होने लगा.
Seraikela Toll Plaza Uproar: पुजारी से बदसलूकी पर लोगों का हंगामा, महंत विद्यानंद सरस्वती से दुर्व्यवहार
गुरुवार शाम सरायकेला में टोल प्लाजा पर हंगामा देखने को मिला. पारडीह काली मंदिर के पुजारी से बदसलूकी पर लोगों का हंगामा हुआ. महंत विद्यानंद सरस्वती से दुर्व्यवहार और टोलकर्मियों पर पुजारी से मारपीट का आरोप लगा है. पूरा मामला चांडिल थाना क्षेत्र का, पुलिस ने पूरे मामले में एक टोलकर्मी को हिरासत में लेकर जांच कर रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम तकरीबन 5 बजे पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती अपने शिष्य इंदिरा नंद सरस्वती के साथ नए और बिना नंबर प्लेट सफेद रंग की कार में सवार होकर साधु बाबा मठिया से वापस फदलुगोडा काली मंदिर जा रहे थे. इस बीच नए बिना नंबर प्लेट के कार को टोलकर्मियों द्वारा टोल वसूली के लिए रोका गया. जिसमें महंत इंदिरा नंद सरस्वती के साथ टोलकर्मियों की बहस शुरू हुई.
इसके बाद महंत इंदिरा नंद सरस्वती ने टोलकर्मियों पर मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. इस घटना के बाद महंत के समर्थक बड़ी संख्या में पाटा डाउन टोल प्लाजा पहुंचे और जमकर विरोध किया. इसकी जानकारी चांडिल पुलिस और एसडीपीओ संजय सिंह को हुई. मौके पर पहुंचे एसडीपीओ ने उग्र समर्थकों को समझा-बुझाकर वापस भेजा तब स्थिति नियंत्रण में हुई.
हिरासत में एक टोलकर्मीः इस मामले में एसडीपीओ संजय सिंह ने बताया कि महंत विद्यानंद सरस्वती और शिष्य इंदिरा नंद सरस्वती ने टोलकर्मियों द्वारा मारपीट और दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया गया है. एसडीपीओ ने बताया कि टोल नाका में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी जांच की जाएगी. फिलहाल किसी पक्ष द्वारा लिखित शिकायत नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि उग्र लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया है. वहीं पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए एक टोलकर्मी को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि उग्र समर्थकों ने स्थानीय युवक के साथ भी बदतमीजी की, जिसके बाद ग्रामीण भी भड़क उठे थे, जिन्हें पुलिस द्वारा फौरन समझाया गया