सरायकेला: आज भले ही लोगों को लग रहा हो कि कोरोना का दूसरा वेव कमजोर हो रहा है, लेकिन स्थिति यह है कि लगातार लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. कोरोना से मरने वालों का भी सिलसिला जारी है. कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है. इसमें सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की महसूस हो रही है. ऐसे में सरायकेला खरसावां स्थित आदित्यपुर में भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के तहत संचालित इंडो डेनिश टूल रूम इस दिशा में काफी मददगार साबित हो रहा है. यहां प्रतिदिन लगातार रिम्स अस्पताल रांची के लिए ऑक्सीजन कनेक्टर का निर्माण किया जा रहा है ताकि ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे मरीजों को सहूलियत हो.
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आईडीटीआर है एक टेक्नोलॉजी सेंटर
इंडो डेनिश टूल रूम के एमडी आनंद दयाल बताते हैं कि आईडीटीआर एक टेक्नोलॉजी सेंटर है, जो भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के तहत संचालित है. सरायकेला के अलावा पटना और वाराणसी में इसके एक्सटेंशन सेंटर हैं. वे कहते हैं कि कोविड के प्रकोप की बात करें तो मार्च 2020 में इसका फर्स्ट वेव आया. पूर्ण लॉकडाउन हुआ तो हमने सोचा कि एक टेक्नोलॉजी सेंटर और मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के बिहाफ में क्या कर सकते हैं ताकि आत्मनिर्भर भारत को प्रमोट करने के साथ ही कोविड की लड़ाई में सहयोग कर सके. इसके बाद इस दिशा में प्रयास शुरू किया गया. इसके तहत कुछ ऐसे काम किए जो इस दिशा में काफी मददगार साबित हुए. शुरुआत में आरटीपीसीआर किट आयात होता था और इसे देखते हुए इंडो डेनिश टूल रूम ने इस दिशा में पहल की और इसे खुद डिजाइन किया. यह पूरी तरह से स्वदेशी पहला आरटीपीसीआर टेस्टिंग किट था. इसे आंध्रा की कंपनी एएमटीजेड के सहयोग से तैयार किया गया.