सरायकेला: खेल-खिलाड़ी और मैदान यह तीन ऐसे मजबूत कड़ी है, जिनका जिनका हमेशा से एक दूसरे के बीच मजबूत गठबंधन होता है. खिलाड़ी खेल के बिना अधूरे हैं और खेल मैदान के बिना अधूरा, ऐसे में खेल-खिलाड़ी और मैदान तीनों आपस में एक दूसरे के पूरक हैं. कई ऐसे खिलाड़ी और उनसे जुड़ा मैदान है जहां कई यादगार पल खिलाड़ी बिताते हैं. वहीं इस खेल में जब खिलाड़ी को जीत हासिल होती है तो यह मैदान और इस पर बिताया जाने वाला पल उसके लिए आजीवन ना भूलने वाला पल होता है. ऐसा ही एक मैदान है सरायकेला जिला का नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का स्पोर्ट्स ग्राउंड जो आज कई सफल खिलाड़ियों के सफलता गाथा को बयां कर रहा है.
खिलाड़ियों का मुस्तकबिल संवार रहा है मैदान, जानिए क्यों लकी है ग्राउंड?
सरायकेला का एनआईटी स्पोर्ट्स ग्राउंड कई मायनों में खास है. विगत कई दशक से खेल का मैदान खिलाड़ियों के लिए लकी ग्राउंड साबित हुआ है. यहां प्रैक्टिस करने वाले अधिकतर खिलाड़ी इनमें से ज्यादातर धावक खिलाड़ी हैं जो आज अच्छी नौकरियों में चयनित होकर एक बेहतरीन जीवन जी रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- सरायकेलाः दिवाली में जमकर फूटे पटाखे, बढ़ा प्रदूषण का स्तर
कोरोना काल में खिलाड़ियों के जमावड़े पर रोक
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इस स्पोर्ट्स ग्राउंड में फिलहाल कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन विगत कई दिनों से कराया जा रहा है. कॉलेज प्रबंधन की ओर से आदेश जारी कर बिना मास्क कॉलेज कैंपस में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. वहीं प्रबंधन की ओर से हाल के दिनों में खिलाड़ियों के जमावड़े पर भी रोक लगाया गया है ताकि कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन हो सके. इस संबंध में एनआईटी कॉलेज के डायरेक्टर प्रोफेसर करुणेश शुक्ला बताते हैं कि उन्हें गर्व है कि संस्थान का यह खेल का मैदान आज कई खिलाड़ियों के भविष्य संवार रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल कोरोना को लेकर एक साथ अधिक खिलाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो खिलाड़ी एक बार फिर एक साथ खेल के मैदान पर प्रैक्टिस कर सकेंगे.
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वर्चुअल रन और मैराथन का आयोजित
कोरोना काल में जहां अधिकांश लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर पाबंदी है. ऐसे में स्कूल कॉलेज की पढ़ाई से लेकर ऑफिस के काम काज तक वर्चुअल और ऑनलाइन मोड में किए जा रहे हैं. इन खिलाड़ियों ने भी सोशल डिस्टेंस और वर्चुअल रन का सहारा लिया है. लॉकडाउन के दौरान कई दिनों तक खिलाड़ी खेल के मैदानों से दूर रहे लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया होने के बाद यहां आने वाले खिलाड़ियों ने भी पूर्व की तरह आयोजित होने वाले रन और मैराथन का आयोजन किया. जिसमें ऑनलाइन वर्चुअल मैराथन आयोजित किए गए जिसमें अलग-अलग स्थानों पर खिलाड़ियों ने एक साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए तय समय में मैराथन दौड़ आयोजित किया. खिलाड़ियों की ओर से वर्चुअल मैराथन आयोजन का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों को खेल से बांधे रखना था.
खेल का मैदान खिलाड़ियों के लिए कभी जीत का गवाह बनता है तो कभी जीवन के बेशकीमती पल बिताने वाला स्थान. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का यह लकी ग्राउंड आज कई खिलाड़ियों के लिए पहचान बनता जा रहा है, जिसे ये खिलाड़ी है शायद मरते दम तक नहीं भूल सकते.