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खिलाड़ियों का मुस्तकबिल संवार रहा है मैदान, जानिए क्यों लकी है ग्राउंड?

सरायकेला का एनआईटी स्पोर्ट्स ग्राउंड कई मायनों में खास है. विगत कई दशक से खेल का मैदान खिलाड़ियों के लिए लकी ग्राउंड साबित हुआ है. यहां प्रैक्टिस करने वाले अधिकतर खिलाड़ी इनमें से ज्यादातर धावक खिलाड़ी हैं जो आज अच्छी नौकरियों में चयनित होकर एक बेहतरीन जीवन जी रहे हैं.

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एनआईटी स्पोर्ट्स ग्राउंड

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Published : Nov 18, 2020, 2:21 PM IST

सरायकेला: खेल-खिलाड़ी और मैदान यह तीन ऐसे मजबूत कड़ी है, जिनका जिनका हमेशा से एक दूसरे के बीच मजबूत गठबंधन होता है. खिलाड़ी खेल के बिना अधूरे हैं और खेल मैदान के बिना अधूरा, ऐसे में खेल-खिलाड़ी और मैदान तीनों आपस में एक दूसरे के पूरक हैं. कई ऐसे खिलाड़ी और उनसे जुड़ा मैदान है जहां कई यादगार पल खिलाड़ी बिताते हैं. वहीं इस खेल में जब खिलाड़ी को जीत हासिल होती है तो यह मैदान और इस पर बिताया जाने वाला पल उसके लिए आजीवन ना भूलने वाला पल होता है. ऐसा ही एक मैदान है सरायकेला जिला का नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का स्पोर्ट्स ग्राउंड जो आज कई सफल खिलाड़ियों के सफलता गाथा को बयां कर रहा है.

कई मायनों में खास है एनआईटी स्पोर्ट्स ग्राउंड.
खिलाड़ियों के लिए लकी है ये ग्राउंडसामान्य मैदानों की तरह दिखने वाला एनआईटी का यह ग्राउंड कई मायनों में खास है. विगत कई दशक से खेल का मैदान खिलाड़ियों के लिए लकी ग्राउंड साबित हुआ है. कहते हैं इस मैदान में प्रैक्टिस करने वाले अधिकतर खिलाड़ी कहीं ना कहीं चयनित होते हैं, इनमें से ज्यादातर धावक खिलाड़ी हैं जो आज इस मैदान में प्रैक्टिस कर अच्छे नौकरियों में चयनित होकर एक बेहतरीन जीवन जी रहे हैं. यहां प्रैक्टिस करने वाले रनर आज पुलिस, आर्मी, एयरफोर्स, सीडीएस समेत कई क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ चुके हैं.खिलाड़ियों के लिए धरोहर बना मैदाननेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी परिसर में स्थित स्पोर्ट्स ग्राउंड आज स्थानीय खिलाड़ियों के लिए किसी धरोहर से कम साबित नहीं हो रहा है. यहां प्रैक्टिस करने वाले अधिकांश खिलाड़ी ग्रुप और समूह में मैदान में प्रैक्टिस करने आते हैं. ऐसे में एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण में इन्हें अन्य खिलाड़ियों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती है. जिसका उपयोग ये खिलाड़ी अपने खेल से जुड़े जीवन में भरपूर करते हैं. सिविल डिफेंस सर्विसेस के अलावा इस मैदान में प्रैक्टिस करने वाले कई खिलाड़ियों ने बीएसएफ, टाटा स्टील, रेलवे एसएससी और कई निजी संस्थानों में स्पोर्ट्स कोटे से रोजगार प्राप्त किया है.हजारों खिलाड़ियों ने मैदान में ट्रेनिंग कर पाई सफलतानेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी परिसर का यह स्पोर्ट्स ग्राउंड इस बात का गवाह है कि, इस ग्राउंड ने कई खिलाड़ियों के जीवन को संवारने का काम किया है. वहीं युवा खिलाड़ियों को उनके मुकाम तक पहुंचाने में यहां के स्थानीय पूर्व के खिलाड़ियों ने अहम भूमिका अदा की है. धावक और ट्रेनर के रूप में विख्यात अजय शर्मा के नेतृत्व में विगत तीन दशक से यहां हजारों खिलाड़ियों ने मैदान में रनिंग की ट्रेनिंग और प्रैक्टिस की है. जिसका नतीजा है कि वो आज सफलता के मुकाम पर काबिज हैं. इनमें लड़कों के अलावा कई लड़कियां भी शामिल हैं. मैदान में प्रैक्टिस करने वाले कई धावकों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले मैराथन दौड़ प्रतियोगिता में शामिल होकर सफलता प्राप्त की है.औद्योगिक क्षेत्र से सटे होने से खेल मैदान की कमीआदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां खेल मैदानों की काफी कमी है. अधिकतर खेल मैदानों का अतिक्रमण कर लिया गया है. खिलाड़ियों को खेलने और प्रैक्टिस करने के लिए पर्याप्त खेल के मैदान प्राप्त नहीं हो पाता है. ऐसे में एनआईटी कॉलेज का यह स्पोर्ट्स ग्राउंड स्थानीय युवा खिलाड़ियों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रहा है. वैसे तो यह मैदान एनआईटी कॉलेज का है लेकिन मैदान में कॉलेज के स्पोर्ट्स एक्टिविटी के अलावा स्थानीय खिलाड़ियों को भी प्रैक्टिस करने का भरपूर अवसर प्राप्त होता है.

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कोरोना काल में खिलाड़ियों के जमावड़े पर रोक
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इस स्पोर्ट्स ग्राउंड में फिलहाल कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन विगत कई दिनों से कराया जा रहा है. कॉलेज प्रबंधन की ओर से आदेश जारी कर बिना मास्क कॉलेज कैंपस में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. वहीं प्रबंधन की ओर से हाल के दिनों में खिलाड़ियों के जमावड़े पर भी रोक लगाया गया है ताकि कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन हो सके. इस संबंध में एनआईटी कॉलेज के डायरेक्टर प्रोफेसर करुणेश शुक्ला बताते हैं कि उन्हें गर्व है कि संस्थान का यह खेल का मैदान आज कई खिलाड़ियों के भविष्य संवार रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल कोरोना को लेकर एक साथ अधिक खिलाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो खिलाड़ी एक बार फिर एक साथ खेल के मैदान पर प्रैक्टिस कर सकेंगे.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वर्चुअल रन और मैराथन का आयोजित
कोरोना काल में जहां अधिकांश लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर पाबंदी है. ऐसे में स्कूल कॉलेज की पढ़ाई से लेकर ऑफिस के काम काज तक वर्चुअल और ऑनलाइन मोड में किए जा रहे हैं. इन खिलाड़ियों ने भी सोशल डिस्टेंस और वर्चुअल रन का सहारा लिया है. लॉकडाउन के दौरान कई दिनों तक खिलाड़ी खेल के मैदानों से दूर रहे लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया होने के बाद यहां आने वाले खिलाड़ियों ने भी पूर्व की तरह आयोजित होने वाले रन और मैराथन का आयोजन किया. जिसमें ऑनलाइन वर्चुअल मैराथन आयोजित किए गए जिसमें अलग-अलग स्थानों पर खिलाड़ियों ने एक साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए तय समय में मैराथन दौड़ आयोजित किया. खिलाड़ियों की ओर से वर्चुअल मैराथन आयोजन का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों को खेल से बांधे रखना था.


खेल का मैदान खिलाड़ियों के लिए कभी जीत का गवाह बनता है तो कभी जीवन के बेशकीमती पल बिताने वाला स्थान. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का यह लकी ग्राउंड आज कई खिलाड़ियों के लिए पहचान बनता जा रहा है, जिसे ये खिलाड़ी है शायद मरते दम तक नहीं भूल सकते.

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