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सरायकेला: शहरी इलाकों में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण, स्थानीय लोगों में खौफ - सरायकेला में कोरोना संक्रमण के कारण नगर निगम कार्यालय सील

सरायकेला के शहरी इलाकों में लॉकडाउन के शुरुआती दौर में निगम के अधिकारियों ने बड़े स्तर पर राशन वितरण और साफ सफाई अभियान चलाया था, लेकिन जब शहरी क्षेत्र में कोरोना की एंट्री हो चुकी है, तब ऐसे में यह अधिकारी खुद को संक्रमण से बचा रहे हैं, लेकिन जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है. जिसके कारण लोगों में आक्रोश है.

Municipal corporation office
नगर निगम कार्यालय

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Published : Jul 11, 2020, 9:59 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 7:05 PM IST

सरायकेला: जिले के शहरी क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण और प्रसार लगातार तेजी से फैल रहा है, जिससे लोगों में अब भय का माहौल देखने को मिल रहा है. जिले के आदित्यपुर नगर निगम इलाके में घनी आबादी के बीच लगातार पांव पसार रहे कोरोना के चलते नगर निगम कार्यालय को सील कर दिया गया है, कार्यालय में सतर्कता बरतते हुए कर्मियों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है.

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नगर निगम में कुल 5 कंटेनमेंट जोन

नगर निगम क्षेत्र में लगातार संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. निगम क्षेत्र में कुल 5 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. जहां पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है और लोगों के आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. शहरी क्षेत्र के संक्रमित क्षेत्रों और कंटेनमेंट जोन में नगर निगम के माध्यम से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है.

क्या है सिटी मैनेजर का कहना

निगम के सिटी मैनेजर विनीत कुमार ने बताया कि सबसे पहले एहतियात बरतते हुए निगम कार्यालय को बंद किया गया है. बाहरी व्यक्तियों के कार्यालय प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी है. उन्होंने कहा कि नगर निगम कर्मियों को वैश्विक महामारी से संक्रमित होने से बचाने के लिए एहतियातन तौर पर यह कदम उठाया गया है. निगम कार्यालय मेन गेट पर ड्रॉप बॉक्स रखा जा रहा है, जहां स्थानीय लोग और आगंतुक अपने आवेदन अथवा कार्यालय से संबंधित कागजात डाल सकेंगे और संबंधित पदाधिकारियों से फोन पर संपर्क कर सकेंगे.

स्थानीय लोगों में आक्रोश

बढ़ते संक्रमण के बीच नगर निगम कार्यालय में तालाबंदी किए जाने और कंटेनमेंट जोन में विशेष व्यवस्था नहीं किए जाने की बात स्थानीय लोगों ने की है. निगम क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने निगम के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब शहरी और निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण नहीं था. तब बड़े-बड़े टैंकरों से सड़कों को सैनिटाइज किया जा रहा था, लेकिन अब जब संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी है. तो निगम के कर्मचारी आम लोगों को सुरक्षित करने के बजाय खुद को सुरक्षित करने में जुट गए हैं, ऐसे में आम लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.

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लोगों में जागरूकता की कमी

शहरी क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण मामले के बावजूद लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है, बाजार सार्वजनिक स्थान और भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे, हालांकि कुछ लोग मास्क लगाकर जरूर घूम रहे हैं, लेकिन अधिकतर लोग सामाजिक और शारीरिक दूरी को भूल रहे हैं, ऐसे में साफ प्रतीत होता है कि संक्रमण का दायरा बढ़ाने में लोगों की ही भूमिका अहम है.

कंटेनमेंट जोन से नदारद हैं पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट

जिले के शहरी क्षेत्र में संक्रमण बढ़ने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने कंटेनमेंट जोन को सील करते हुए वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और मजिस्ट्रेट तैनात किए जाने का दावा किया गया था. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. अधिकांश कंटेनमेंट जोन के पास सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी गायब हैं और मजिस्ट्रेट का पता नहीं है ऐसे में जिला पुलिस और प्रशासन के दावों की पोल खुल रही है.

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संक्रमण के इस काल में निगम के नगर आयुक्त, मेयर समेत डिप्टी मेयर जनता के बीच से गायब हैं. लॉकडाउन के शुरुआती दौर में निगम के इन अधिकारियों ने बड़े स्तर पर राशन वितरण और साफ सफाई अभियान चलाया था, लेकिन जब शहरी क्षेत्र में कोरोना की एंट्री हो चुकी है , तब ऐसे में यह अधिकारी खुद को संक्रमण से बचा रहे हैं, लेकिन जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

Last Updated : Jul 12, 2020, 7:05 PM IST

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