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MSME टूल रूम की कोरोना टेस्टिंग किट निर्माण में अहम भूमिका, सस्ते दर पर होगा उपलब्ध

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा जगत से लेकर वैज्ञानिक रोजाना नए प्रयास और आविष्कार कर रहे हैं, ताकि इस महामारी के प्रकोप को जल्द से जल्द कम किया जा सके. इसे लेकर सरायकेला के एमएसएमई टूल रूम पूरी तरह भारत में सस्ते दर पर बनने वाले कोरोना टेस्टिंग किट के निर्माण में अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है.

टूल रूम का कोरोना टेस्टिंग किट निर्माण में अग्रणी भूमिका
MSME Manufacturing Corona Testing Kit in seraikela

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Published : May 20, 2020, 4:31 PM IST

सरायकेला:कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा जगत से लेकर वैज्ञानिक रोजाना नए प्रयास और आविष्कार कर रहे हैं, ताकि इस वैश्विक महामारी का प्रकोप जल्द से जल्द कम हो. इस मजबूत कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब सरायकेला जिले में एमएसएमई टूल रूम पूरी तरह भारत में सस्ते दर पर बनने वाले कोरोना टेस्टिंग किट के निर्माण में अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है.

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देश में टेस्टिंग किट की कमी

कोविड-19 संक्रमण को लेकर भारत सरकार कई प्रयास कर रही है. लॉकडाउन के बाद कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने देश भर में संक्रमित लोगों के टेस्ट की प्रक्रिया को गति प्रदान की है, लेकिन इस बीच देश में टेस्टिंग किट की कमी इस वायरस के खिलाफ जंग में कमजोर कड़ी साबित हो रही थी, लेकिन भारत सरकार, लघु सूक्ष्म और मध्यम मंत्रालय के सहयोग से संचालित टूल रूम के तकनीकी जानकार कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कारगर साबित होने वाले टेस्टिंग किट निर्माण प्रक्रिया को सस्ते दर पर आगे बढ़ा रहे हैं.

650 से भी अधिक टेस्टिंग किट निर्माण का लक्ष्य

विशाखापट्टनम के एक निजी कंपनी के सहयोग से टेस्टिंग किट निर्माण प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. एमएसएमई टूल रूम के टेक्नोलॉजी सेंटर में टेस्टिंग किट डिवाइस निर्माण का डिजाइन तैयार किया गया है. अब यहां रोजाना रात दिन एक कर टेस्टिंग डिवाइस किट निर्माण प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है. जून के अंत तक एमएसएमई टूल रूम की ओर से 650 से भी अधिक टेस्टिंग किट निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. एमएसएमई टूल रूम में बन रहे इन कोरोना टेस्टिंग किट की लागत केवल तीन से चार लाख रुपए आ रही है, साथ ही कम समय में अधिक से अधिक टेस्ट भी इन टेस्टिंग डिवाइस से किए जा सकेंगे.

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कोरोना संक्रमण को रोकने का प्रयास

चाइना से भारत आने वाले टेस्टिंग किट की कीमत 22 से 30 लाख रुपए तक पड़ता था. टेस्टिंग किट निर्माण की प्रक्रिया एमएसएमई टूल रूम के डीजीएम आशुतोष कुमार की देखरेख में चल रहा है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया एमएसएमई मंत्रालय के सचिव, एडिशनल डेवलपमेंट कमिश्नर, निदेशक टूल रूम की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि मंत्रालय इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

टेस्टिंग किट के 21 कॉम्पोनेंट्स टूल रूम में हो रहे तैयार

एमएसएमई टूल रूम के टेक्निकल सेंटर में टेस्टिंग डिवाइस निर्माण की प्रक्रिया लगातार जारी है. टेक्निकल सेंटर में एक्सपर्ट की टीम डिवाइस में प्रयोग आने वाले 21 कॉम्पोनेंट्स की डिजाइन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग का कार्य बहुत ही बारीकी के साथ कर रहे हैं. पहले चरण में टूल रूम ने 50 कीट का निर्माण कर विशाखापट्टनम के कंपनी को आपूर्ति की थी. टूल रूम के सीनियर मैनेजर मार्केटिंग अंजन कुंडू बताते हैं कि टेस्टिंग डिवाइस के सभी 21 कॉम्पोनेंट्स तैयार कर लगातार असेंबली प्वाइंट में भेजे जा रहे हैं, जहां से किट पूरी तरह बनने के बाद सरकार को भेजे जाएंगे.

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स्किल मैनपावर के साथ बन रहे टेस्टिंग डिवाइस किट

एमएसएमई टूल रूम के प्रोडक्शन मैनेजर केसी मलिक ने बताया कि मंत्रालय के निर्देश प्राप्त होने के बाद सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से टूल रूम के टेक्निकल सेंटर में स्किल्ड मैनपावर सोशल डिस्टेंस के साथ मैन्युफैक्चरिंग डिवाइस के कॉम्पोनेंट्स बनाए जा रहे हैं, जबकि यहां बनने वाले टेस्टिंग किट के मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिजाइन का कार्य सभी टूल रूम के ही टेक्निकल एक्सपर्ट के देखरेख में संपन्न हुआ है. उन्होंने बताया कि सरकार से पहले चरण के तहत 195 किट बनाने के आदेश प्राप्त हुए थे, जिसके बाद यहां निरंतर मैन्युफैक्चरिंग कार्य जारी है.

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