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Seraikela News:137 बार रक्तदान कर स्थापित किया कीर्तिमान, सरायकेला के इस शख्स ने जन्मदिन पर परिवार समेत किया रक्तदान - कॉलेज के दिनों से रक्तदान

रक्तदान महादान है और यह संदेश लोगों को देकर रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए आदित्यपुर के उद्यमी ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य पर परिवार समेत रक्तदान किया. उद्यमी अब तक 137 बार रक्तदान कर चुके हैं.

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Man Sets Record By Donating Blood

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 24, 2023, 6:55 PM IST

Updated : Sep 24, 2023, 8:04 PM IST

सरायकेला: रक्त का कोई विकल्प नहीं हो सकता. मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण रक्त को केवल दान कर एक-दूसरे की जिंदगी बचायी जा सकती है. इसी मुहिम को लगातार कई वर्षों से आगे बढ़ाने वाले रक्तदान के शतकवीर अरुण पाठक ने रविवार को अपने पूरे परिवार के साथ रक्तदान कर समाज में एक मिसाल पेश की है.

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अरुण पाठक ने 137 बार किया है रक्तदानः आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी 56 वर्षीय अरुण पाठक ने अब तक 137 बार रक्तदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. रविवार 24 सितंबर को अपने 56वें जन्मदिन पर उन्होंने 137 बार रक्तदान कर रक्तदान महादान के इस मुहिम को आगे बढ़ाया है. इस मुहिम में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनकी बेटी और बेटा भी चल रहे हैं.

जन्मदिन के उपलक्ष्य पर किया रक्तदानः अरुण पाठक ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य पर जमशेदपुर ब्लड बैंक में 137 बार रक्तदान किया. इस मौके पर उनकी बड़ी बेटी डॉ रागिनी पाठक ने अबतक आठ बार और छोटे बेटे अनुराग पाठक ने 18 बार रक्तदान कर पिता का हौसला बढ़ाया है. बताते चलें कि अरुण पाठक ने कॉलेज के दिनों से रक्तदान करना शुरू किया था, तब उन्हें भी नहीं पता था कि इस मुहिम को ये इतना आगे लेकर जाएंगे.

रक्तदान करने से नहीं होती है कोई हानिःरक्तदान के प्रति लोगों को जागरुक कर मुहिम को आगे बढ़ाने वाले अरुण पाठक बताते हैं कि रक्तदान को लेकर आज भी लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां हैं, लेकिन इन भ्रांतियों को खत्म करने के लिए ये लगातार लोगों को जागरुक कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति 90 दिन के अंतराल पर नियमित रूप से रक्तदान करता है, वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है. उन्होंने कहा कि यदि लाइफस्टाइल अव्यवस्थित भी हो तब भी रक्तदान कर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.

वहीं इनके सुपुत्र अनुराग पाठक बताते हैं कि पिता को बचपन से देख उन्हें भी रक्तदान करने की इच्छा जगी. 18 साल की आयु पूरा करने के बाद अब इनके जीवन का एक हिस्सा रक्तदान बन चुका है. 25 वर्षीय अनुराग पाठक बताते हैं कि वे भी युवाओं को विशेष कर रक्तदान के प्रति जागरूक करने की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं.

Last Updated : Sep 24, 2023, 8:04 PM IST

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