सरायकेला: भीषण मंदी की मार झेल रहे सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र के कंपनियों को अभी अगस्त तक मंदी से उबरने में सफर तय करना है. आशा जताई जा रही है कि इस साल अगस्त माह से बाजार की स्थिति में सुधार होगी. जिसके बाद तकरीबन साल भर से बेपटरी हुए औद्योगिक क्षेत्र के गति को एक बार फिर रफ्तार मिलेगी.
सुधार की स्थिति
टाटा मोटर्स पर आश्रित औद्योगिक क्षेत्र बीते दिसंबर माह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ सुधार की स्थिति में आया है. दिसंबर महीने से औद्योगिक क्षेत्र को प्रति महीने 7 से 8 गाड़ियों के आर्डर मिलने लगे हैं. हालांकि जानकार इसे बेहतर मार्केट के तौर पर नहीं बल्कि स्थाई सुधार मानते हैं.
ये भी पढ़ें-आजीवन कारावास की सजा काट रहे 30 बंदी रिहा, कहा- अब नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे
फरवरी महीने से बंद होंगी बीएस-4 इंजन गाड़ियां
ऑटोमोबाइल सेक्टर विशेषज्ञ मानते हैं कि 2 से 3 माह में मंदी की स्थिति और सेटलमेंट करने में वक्त लगेगा, जबकि अगस्त माह से नियमित आर्डर मिलने लगेंगे. वहीं, फरवरी माह से बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियों का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो जाएगा. जिसके बाद बीएस 6 गाड़ियों का उत्पादन शुरू होगा. नतीजतन ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बार फिर उछाल के संकेत मिल रहे हैं.
स्क्रेप पॉलिसी पर भी बाजार करेगा निर्भर
पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए सरकार की नई स्क्रेपिंग पॉलिसी भी लागू होना है. जानकार मानते हैं कि सरकार इसे जब तक क्लियर नहीं करेगी तब तक पुरानी गाड़ियां सड़कों से नहीं हटेगी. लिहाजा बीएस 6 के लागू होने के बाद भी मंदी प्रभावित रह सकता है. अगर सरकार बीएस 6 लाने के साथ नई स्क्रेपिंग पॉलिसी भी लागू करती है तो इससे बाजार में फिर उछाल आ जाएगा.