सरायकेला-खरसावां:जिले में लगातार बारिश के कारण चांडिल डैम के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी हो रही है. जलस्तर बढ़ता देख स्वर्णरेखा परियोजना प्रशासन ने डैम का दूसरा रेडियल गेट संख्या छह को 20 सेंटीमीटर खोल दिया है. वर्तमान में चांडिल डैम का जलस्तर 181.20 मीटर दर्ज किया गया है. बरसात के मौसम में अचानक जलस्तर बढ़ने से इस साल भी 116 विस्थापित गांव के लोगों को बाढ़ की चिंता सता रही है. प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में गांव बाढ़ की विभीषिका का दंश झेलने वाले विस्थापितों की एक बार फिर चिंता बढ़ गई है.
Seraikela News: चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने से विस्थापितों पर मंडराया बाढ़ का खतरा, स्वर्णरेखा परियोजना से पुनर्वास पैकेज की मांग - मुआवजा और जमीन आवंटन की मांग
चांडिल डैम के पानी से हर वर्ष इलाके के कई गांव डूब जाते हैं. लेकिन अब तक स्वर्णरेखा परियोजना की ओर से विस्थापितों की सुध नहीं ली गई है. इसको लेकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने समस्या का स्थायी समाधान और संपूर्ण पुनर्वास पैकेज की मांग की है.
हर साल चांडिल डैम के पानी से डूब जाते हैं कई गांवःदो दशक से व्याप्त इस समस्या को लेकर चांडिल बांध विस्थापित गांव के लोग जल्द से जल्द मुआवजा और जमीन आवंटन की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में चांडिल बांध मत्स्यजीवी स्वावलंबन समिति के अध्यक्ष नारायण गोप बताते हैं कि प्रतिवर्ष जलस्तर बढ़ने से गांव डूब जाता है. अब विस्थापित भी इसके आदि हो चुके हैं, लेकिन स्वर्णरेखा परियोजना प्रशासन को चाहिए कि अविलंब विस्थापितों के समस्या को दूर करें, ताकि दशकों से चली आ रही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके.
संपूर्ण पुनर्वास पैकेज की हो व्यवस्थाः बीते दो दशक से भी अधिक समय बीतने के बावजूद आज भी स्वर्णरेखा परियोजना प्रशासन विस्थापितों को पुनर्वासित नहीं करा सका है. सतत प्रक्रिया में चलने वाली पुनर्वास नीति, विस्थापितों को मिलने वाला आर्थिक पैकेज, जमीन के बदले जमीन, विस्थापितों के बच्चों को शिक्षा, रोजगार जैसे तमाम सुविधाओं से आज भी ग्रामीण वंचित हैं. विस्थापित मुक्ति वाहिनी के सदस्य वासुदेव आदित्य देव बताते हैं कि आधी उम्र विस्थापितों को आर्थिक पैकेज और मुआवजा के आस में बीत गई है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि संपूर्ण पुनर्वास के साथ डूब क्षेत्र के 116 गांव को जल्द आर्थिक पैकेज सुविधा उपलब्ध कराई जाए.