सरायकेला: जिले के दलमा अभ्यारण से सटे रामगढ़ जंगलों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है. लगभग एक हफ्ते में यहां 20 एकड़ में वन भूमि पर लगे सैंकड़ों पेड़ों को काटकर उसकी तस्करी की गई है. रामगढ़ जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आने के बाद सरायकेला डीएफओ आदित्य नारायण जांच में जुट गए हैं.
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बंगाल तस्करी की जा रही है लकड़ी:जंगल से पेड़ों की अवैध कटाई के बाद जांच के लिए पहुंचे डीएफओ ने पाया कि रोजाना सैकड़ों पेड़ अवैध तरीके से काटे गए हैं. जिनको तस्करी कर पूर्वी सिंहभूम बोड़ाम थाना के रास्ते बंगाल भेजा जा रहा है. बताया जाता है कि तस्करी के इस खेल में स्थानीय लोग भी शामिल हो सकते हैं.
साल, सखुआ के पेड़ की अंधाधुंध कटाई:रामगढ़ के इन जंगलों में सर्वाधिक साल और सखुआ के पेड़ लगे हैं. जिसे झारखंड में राजकीय पेड़ होने का दर्जा प्राप्त है. बावजूद इसके तस्करों ने राजकीय पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर वन विभाग और प्रशासन को खुली चुनौती दी है. हालांकि डीएफओ आदित्य नारायण ने जांच के बाद बताया कि तस्करी के इस खेल में जो भी लोग शामिल हैं उन पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी ,उन्होंने बताया कि दलमा और इससे सटे आस-पास के गांव में भी सर्च अभियान चलाकर कटाई संबंधित जानकारी हासिल की जा रही है.
20 एकड़ में लगे पेड़ों की कटाई:बताया जाता है कि, अब तक इन जंगलों में लगे पेड़ों की कटाई कर जिनकी तस्करी की गई है उसका मूल्य करोड़ों में है, जबकि अनुमान लगाया जा रहा है कि रोजाना तस्कर 70 से 100 पेड़ काट रहे हैं.जिसमें एक बड़ा नेटवर्क शामिल है.