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सरायकेला में नहीं निकाला जाएगा मूर्ति विसर्जन का जुलूस, बिना ढोल नगाड़े के संपन्न होगा विसर्जन

सरायकेला प्रशासन मूर्ति विसर्जन को लेकर पूरी तैयारी कर ली है. प्रशासन के देखरेख में शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी. इसके लिए प्रशासन ने निर्देशित किया है कि मूर्ति विसर्जन जुलूस नहीं निकाला जाएगा और बिना ढोल-नगाड़े के ही विसर्जन प्रक्रिया संपन्न किया जाएगा.

idol immersion procession will not be taken out in seraikela
दूर्गा मां की मूर्ती

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Published : Oct 26, 2020, 5:47 PM IST

सरायकेला: जिला में सोमवार को विजयदशमी के बाद जिला प्रशासन ने विसर्जन की तैयारी में पूरी तरह जुट गई है. 2 दिनों पहले से ही घाटों के आसपास मार्ग समतलीकरण, लाइटिंग समेत अन्य व्यवस्थाएं की गई है. इस साल कोरोना गाइडलाइन के अनुसार विसर्जन जुलूस नहीं निकाला जा रहा है. जबकि सभी पूजा कमेटियों को निर्देशित किया गया है कि बिना ढोल नगाड़े और बाजा के ही वो विसर्जन प्रक्रिया संपन्न करेंगे.

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जिला प्रशासन के देखरेख में शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है. जिला प्रशासन ने पूर्व में ही सभी दुर्गा पूजा कमेटियों को पंडाल मंडप से प्रतिमा छोटी गाड़ियों में सवार कर सीधे निर्धारित नदी घाटों पर पहुंचकर विसर्जन कराए जाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही कमेटियों को निर्देशित किया गया है कि वो किसी भी हाल में विसर्जन जुलूस में लोगों को शामिल नहीं करेंगे और ना ही विसर्जन जुलूस विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. जिला प्रशासन के आदेश के मुताबिक सूर्यास्त से पहले सभी प्रतिमाएं विसर्जित की जानी है.

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73 मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात
विसर्जन के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन और सिविल एसडीओ ने सरायकेला अनुमंडल क्षेत्र में कुल 73 मजिस्ट्रेट विभिन्न स्थानों पर प्रतिनियुक्त किए गए हैं. इनके साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है. जबकि ट्रैफिक पुलिस ने सामान्य यातायात के बीच विसर्जन कार्य संपन्न कराए जा रहे है ताकि यातायात बाधित ना हो.

विसर्जन में 5 से 10 लोग ही हो रहे हैं शामिल
विजयदशमी के बाद विसर्जन प्रक्रिया प्रारंभ की गई. जिला प्रशासन ने पूजा समितियों को निर्देशित किया है कि वो कम से कम लोगों को विसर्जन प्रक्रिया में शामिल करें. इसके तहत केवल 5 या 10 लोग ही विसर्जन जुलूस में शामिल हो सकते है. जिसका पूजा कमेटियों ने पालन भी किया जा रहा है.

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