सरायकेला: दुनिया भर में सोमवार यानी 22 मार्च को 'वर्ल्ड वाटर डे' मनाया जा रहा है. साल दर साल गिरते भू-गर्भ जल स्तर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसको लेकर कोल्हान में भी तमाम लोग एक दूसरे को जल संकट को लेकर जागरूक कर रहे हैं. कोल्हान प्रमंडल समेत सरायकेला खरसावां जिला भी जल संकट से अछूता नहीं है ,जिले की लाइफ लाइन माने जाने वाली 2 नदियां स्वर्णरेखा और खरकाई के जल स्तर में भारी गिरावट देखी जा रही है जो की चिंता का विषय है.
सरायकेला के शहरी क्षेत्र में 600 फीट तक गिरा भूगर्भ जलस्तर, बोरिंग और चापानल हुए फेल
दुनिया भर में सोमवार यानी 22 मार्च को 'वर्ल्ड वाटर डे' मनाया जा रहा है. इस बीच सरायकेला के जल संकट ने वाटर डे के चिंताओं को उजागर कर दिया है. जिले के शहरी क्षेत्र में जल स्तर 600 फीट तक नीचे गिर चुका है.
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यह चिंता
गर्मी के दस्तक देते ही शहरी क्षेत्र में जल संकट की समस्या लगातार सामने आ रही है ,बोरिंग और चापाकल सूख रहे हैं स्वर्णरेखा परियोजना के अनुसार खरकाई का जलस्तर इस वर्ष 5 सालों में सबसे नीचे है. शहरी क्षेत्र में 600 फीट तक भूगर्भ जलस्तर गिर चुका है और कई आवासीय क्षेत्र की बोरिंग फेल हो चुकी है. ऐसे में इस साल अगर समय से बरसात नहीं हुई तो आने वाला समय भयंकर साबित होगा.
नदियों का जलस्तर
सुवर्णरेखा - 11.524 मीटर( वर्तमान) 111मीटर ( सामान्य)
खरकाई- 124.16 मीटर( वर्तमान )121 मीटर (सामान्य)