सरायकेला: हूल दिवस के मौके पर सरायकेला और लौह नगरी जमशेदपुर को झारखंड सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. जहां एनएच 33 के कंदरबेरा से दोमुहानी तक बने नए सड़क पर पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा का विधिवत अनावरण राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया.
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आना था लेकिन ऐन वक्त पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. अब से यह सड़क पंडित रघुनाथ मुर्मू मार्ग के नाम से जाना जाएगा. हूल दिवस के अवसर पर चांडिल प्रखंड के कान्दरबेड़ा स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से वीर शहीद सिद्धो-कान्हू को नमन करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से हूल दिवस बहुत ही गौरव की बात है. इसे पारंपरिक रूप से मनाएं. विकास के लिए सरकार सुविधाएं दे रही है, इसे लड़कर लेना होगा, विकास में आगे आना होगा.
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हूल दिवस के अवसर राज्यपाल ने समस्त झारखंड वासियों को हार्दिक बधाई दी. वहीं राज्यपाल ने अपने संबोधन में ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू को संथाल समाज का जनक बताते हुए उनके आदर्शों पर चलने की बात कही. राज्यपाल ने झारखंड सरकार द्वारा ओलचिकी भाषा को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि झारखंड सरकार ओलचिकी भाषा और संथाली भाषा को बढ़ावा देने को लेकर अच्छा काम कर रही है. उन्होंने प्रसन्नता जताई है कि अब धीरे-धीरे स्कूलों में ओलचिकी भाषा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है जो एक सराहनीय पहल है.
इस कार्यक्रम से 11 मांझी बाबाओं, प्रोजेक्ट हाई स्कूल नीमडीह से मैट्रिक के 10 टॉपर विद्यार्थियों को बैग एवं प्रोत्साहन राशि दी गई. उच्च विद्यालय चांडिल से इंटर के 10 टॉपर विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग राशि का वितरण किया गया. जिला प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सरायकेला खरसावां द्वारा योजना से लयबद्ध पुस्तक योजना नहीं विकास की रेखा का विमोचन भी महामहिम राज्यपाल के द्वारा किया गया.