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सरायकेला: पर्यावरण स्वीकृति न मिलने के कारण विकास योजनाओं पर लग सकता है ब्रेक - सरायकेलाल में विकास योजनाओं पर लगा ब्रेक

सरायकेला जिले में किफायती आवास पेयजल और ड्रेनेज निर्माण योजना के लिए पर्यावरण स्वीकृति आवश्यक कर दिया गया है. जिसकी वजह से पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने के कारण विकास योजनाओं पर ब्रेक लग सकता है.

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पर्यावरण स्वीकृति

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Published : Jan 28, 2021, 6:40 AM IST

Updated : Jan 28, 2021, 6:55 AM IST

सरायकेला: शहरी क्षेत्र में करोड़ों की लागत से चल रहे कई विकास योजनाएं पर्यावरण स्वीकृति मिलने की राह ताक रही है. नगर निगम क्षेत्र में प्रधानमंत्री किफायती आवास योजना, पेयजल और ड्रेनेज निर्माण के लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस अवश्य किया गया है. ऐसे में कई स्थानों पर पर्यावरण स्वीकृति की प्रतिक्षा में विकास कार्य रुके हुए हैं. वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण परिषद से एनओसी प्राप्त नहीं होने के स्थिति में इन विकास योजनाओं पर ब्रेक लग सकता है.

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प्रधानमंत्री के आवास योजना में बन रहे 700 फ्लैटनगर निगम क्षेत्र में शहरी क्षेत्र के बेघरों को आवास प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किफायती आवास योजना के तहत आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के काशीडीह में 700 फ्लैट का निर्माण होना है. लेकिन फिलहाल पर्यावरण स्वीकृति के चलते यहां कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है. इधर नगर निगम की तरफ से महत्वकांक्षी किफायती आवास योजना प्रोजेक्ट के लिए एनओसी प्रमाण पत्र संबंधित विभागों से मांगा गया है. इस संबंध में आदित्यपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद ने बताया है कि, वन प्रमंडल पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से राज्य स्तरीय एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी के अनुशंसा के बाद वन विभाग से एनओसी प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य किया गया है. इसे लेकर निगम ने वन विभाग से एनओसी की मांग की है. वहीं इस मामले में वन विभाग के पदाधिकारियों की तरफ से जांच के बाद ही रिपोर्ट दिया जाएगा. इसे भी पढ़ें-रांची में अपराधियों का दुःसाहस, पुलिस के सामने सरेशाम 3.49 लाख की छिनतई


सीवरेज और जलापूर्ति योजना में भी पर्यावरण स्वीकृति अनिवार्य
लाखों के घनी आबादी वाले नगर निगम क्षेत्र में प्रस्तावित दो अति महत्वकांक्षी परियोजना सीवरेज और जलापूर्ति योजना के तहत पाइप बिछाने के कार्य के लिए भी वन विभाग और पथ निर्माण विभाग के एनओसी का निगम को इंतजार है. हालांकि नगर निगम की तरफ से संबंधित विभागों से पत्राचार के माध्यम से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्रदान किए जाने की मांग की गई है. जिस पर संबंधित विभागों की तरफ से फिलहाल एनओसी प्रदान नहीं किया गया है. गौरतलब है कि निगम क्षेत्र में प्रस्तावित सीवरेज निर्माण कार्य को फिलहाल 53 फीसदी और जलापूर्ति कार्य को 49 फीसदी ही पूरा किया जा सका है.

Last Updated : Jan 28, 2021, 6:55 AM IST

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