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सरायकेलाः 100 बेड वाले ESI अस्पताल के सुपर हॉस्पिटैलिटी भवन निर्माण योजना लंबित, NGT और फायर परमिशन भी बना राह में रोड़ा - सरायकेला में सुपर हॉस्पिटैलिटी भवन निर्माण योजना पेंडिंग

सरायकेला में ईएसआई में निर्माणाधीन 100 बेड वाले सुपर हॉस्पिटैलिटी भवन निर्माण योजना अधर में लटकी हुई है. कार्य पूरा होने के 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक अस्पताल निर्माण योजना पूरी नहीं हो सकी है. वहीं अब एनजीटी और फायर परमिशन भी राह में रोड़ा बन रहा है.

esi hospital super hospitality building
ESI अस्पताल के सुपर हॉस्पिटैलिटी भवन

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Published : Sep 24, 2020, 9:49 AM IST

सरायकेला: कोल्हान का एकमात्र कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल, ईएसआई में निर्माणाधीन 100 बेड वाले सुपर हॉस्पिटैलिटी भवन निर्माण योजना लगातार लंबित हो रही है. योजना शिलान्यास के 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक 100 बेड का अस्पताल बन कर तैयार नहीं हो सका है. वहीं, अब भवन निर्माण के साथ-साथ एनजीटी और फायर परमिशन भी योजना में राह का रोड़ा बनकर सामने आ रहा है.

ESI अस्पताल के सुपर हॉस्पिटैलिटी भवन

अत्याधुनिक उपकरण की खरीदारी बाकी

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वातानुकूलित 100 बेड वाला सुपर हॉस्पिटैलिटी अस्पताल भवन बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है. फिलहाल, अस्पताल भवन में फिनिशिंग कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन कार्य पूरा होने के 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक अस्पताल निर्माण योजना पूरी नहीं हो सकी है. ईएसआई अस्पताल के नए अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद डॉक्टर एमपी मिंज ने बताया कि अस्पताल में निर्माणाधीन 100 बेड वाले भवन को शीघ्र शुरू किए जाने संबंधित पत्राचार स्टेट हेड और सेंट्रल कंट्रोल यूनिट को लिखा गया है. अस्पताल निर्माण के बाद अत्याधुनिक उपकरण की खरीदारी भी बाकी है, जबकि अस्पताल भवन बनकर तैयार है और इंटरनल फर्निशिंग कार्य जारी है.

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फायर परमिशन ने रोका रास्ता

100 बेड वाला अस्पताल भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस बनकर तैयार है, लेकिन वर्तमान में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से पर्यावरण क्लीयरेंस और फायर बिग्रेड से एनओसी नहीं मिलने के कारण अस्पताल भवन शुरू नहीं किया जा सका है. अस्पताल अधीक्षक डॉ एमपी मिंज ने बताया कि बीते वर्ष दिसंबर 2019 में दोनों विभागों के समक्ष क्लीयरेंस को लेकर आवेदन दिया गया था, लेकिन इस प्रक्रिया में 1 वर्ष का समय लगता है, जिसके कारण अब तक एनओसी प्राप्त नहीं हुआ है. दोनों विभागों से एनओसी प्राप्त होने के बाद ही अस्पताल भवन को शुरू किया जा सकता है.

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