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स्वास्थ्य मंत्री को अपशब्द कहने वाले डॉक्टर ओपी आनंद का नया बखेड़ा, DC से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को शिफ्ट करने को कहा - सरायकेला में कोरोना मरीज

डीसी के नाम चस्पा किये पत्र में 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने लिखा है कि पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री पर दिए गए विवादित बयान के बाद उन पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इससे वो मानसिक रूप से परेशान हैं और मरीजों की देखभाल कर पाने में असहज महसूस कर रहे हैं.

Dr. OP Anand told the Deputy Commissioner to shift corona patients in seraikela
स्वास्थ्य मंत्री को अपशब्द कहने वाले डॉक्टर ओपी आनंद ने खड़ा किया नया बखेड़ा

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Published : May 18, 2021, 2:31 PM IST

सरायकेला: जिले के आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने एक बार फिर से नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. अब उन्होंने अपने अस्पताल के बाहर सूचना चस्पाकर जिले के उपायुक्त से अपने अस्पताल में इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की मांग की है. साथ ही नए मरीजों का अस्पताल में नामांकन बंद कर दिया है.

ये भी पढ़ें-आरोपी डॉक्टर ने केस दर्ज होने के बाद मांगी माफी, कहा- अधिकारी जांच के नाम पर कर रहे थे परेशान

उपायुक्त के नाम चस्पाए किये पत्र में उन्होंने लिखा है कि पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री पर दिए गए विवादित बयान के बाद उन पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इससे वो मानसिक रूप से परेशान हैं और मरीजों की देखभाल कर पाने में असहज महसूस कर रहे हैं. इसके मद्देनजर गंभीर रूप से इलाजरत मरीजों का इलाज करना अब संभव नहीं है. उन्होंने जिले के उपायुक्त से अस्पताल के मरीजों काे अन्यत्र शिफ्ट किए जाने का नोटिस चस्पा किया है. साथ ही नए मरीजों का नामांकन लेने से मना कर दिया है.

अस्पताल प्रबंधक के इस रवैये के बाद इलाजरत मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. वैसे डॉ. आनंद का यह फैसला उस वक्त आया है, जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ दिए गए विवादित बयान के बाद जिला प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ आरआईटी थाने में कांड संख्या 68/ 21 के तहत धारा 341, 323, 340, 304, 506, 188, के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है. सभी धाराएं गैर जमानती हैं. उन्हें 48 घंटों के भीतर जवाब देने को कहा गया है. इधर, सोमवार को डॉक्टर आनंद ने वीडियो जारी कर अपने बयान पर माफी मांगते हुए मीडिया पर पीत पत्रकारिता करने का आरोप लगाया था. साथ ही जांच अधिकारियों पर जबरन परेशान करने का भी आरोप लगाया था.

वहीं, जांच अधिकारियों पर बार-बार कागजात और दस्तावेज मांगे जाने को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा था कि घटना के दिन वो आईसीयू में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे. उधर, जांच टीम छोटे-छोटे कागजात के नाम पर उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर परेशान कर रही थी. इससे झल्लाकर उन्होंने ऐसी टिप्पणी कर डाली. उन्होंने अपने बयान पर अफसोस जताया और कहा यह मेरी गलती है और उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं.

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