सरायकेलाः जिले के शहरी क्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी ने जिले के लाइफलाइन माने जाने वाली खरकई और स्वर्णरेखा नदी को लगातार प्रदूषित कर रही है. नदियों में लगातार प्रदूषण बढ़ने से इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इस रोकने के लिए वैसे तो कई उपाए किए जा रहे हैं बावजूद नदियों में गंदा पानी धड़ल्ले से बहाया जा रहा रहा.
शहरी क्षेत्र के आवासीय कॉलोनी और औद्योगिक क्षेत्र से बहने वाले गंदे पानी ने नदियों के प्रदूषण स्तर को काफी बढ़ा दिया है. जिसके कारण नदियां अब धीरे-धीरे नालों में तब्दील हो रही हैं. वहीं सबसे ज्यादा खतरा औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले केमिकल युक्त गंदे पानी से है, जो न सिर्फ नदियों को प्रदूषित कर रहा है. बल्कि नदी के तटीय क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.
गंदे पानी को किया जा रहा ट्रीटमेंट
नदियों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने प्रदूषण रोकने के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए हैं. कोल्हान के एकमात्र प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय द्वारा शहरी समेत औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में संयंत्र स्थापित होने के दावे किए जा रहे हैं. जिनके द्वारा गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर नदी में बहाया जा रहा है, लेकिन इन सबसे अलग जमीनी हकीकत है कुछ और ही बयां करती है.