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मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत पर जागी पुलिस, डीजीपी देंगे मातहतों को ये दिशा निर्देश - Seraikela News

सरायकेला में मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत के बाद पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार किया है. डीजीपी इस बाबत सूबे के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को बैठक करके उचित दिशा निर्देश देंगे.

मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत जागी पुलिस

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Published : Jun 28, 2019, 7:56 PM IST

रांची: सरायकेला में मॉब लिंचिंग की घटना में तबरेज अंसारी की मौत के बाद पुलिस मुख्यालय ऐसी घटनाओं को लेकर बेहद गंभीर है. इस मामले पर जल्द ही झारखंड के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की बैठक होगी. इसमें डीजीपी खुद मॉब लिंचिंग को लेकर पुलिस अधीक्षकों को ब्रीफ करेंगे.

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झारखंड पुलिस के आईजी आशीष बत्रा के मुताबिक जिलों में तैनात डीएसपी स्तर के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि है कि वो गांव-गांव जाकर लोगों को मॉब लिंचिंग संबंध में जागरूक करें. ग्रामीणों को पुलिस यह बताए की अगर कोई आरोपी पकड़ा जाए तो, उसकी पिटाई करने के बजाए स्थानीय थाने या डायल 100 पर सूचना दें. मुख्यालय की तरफ से राज्य के सभी डीआईजी, एसएसपी और एसपी को आदेश दिया गया है कि वो मॉब लिंचिंग वाले क्षेत्र, शरारती तत्व आदि को चिंह्नित कर कानूनी कार्रवाई करें.

सरायकेला में हुई मॉब लिंचिंग की वारदात के कारण विश्व स्तर पर झारखंड की फजीहत हुई है. इसे लेकर पीएम मोदी को भी जबाब देना पड़ा. जिसकी वजह से झारखंड पुलिस मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कारगर रणनीति पर काम कर रही है. मॉब लिंचिंग पर शीर्ष अदालत के आदेश के बाद पुलिस प्रशासन आगामी पर्व त्योहारों को लेकर सजग हो चुकी है.

गौरतलब है कि झारखंड में धार्मिक उन्माद भड़काने और प्रतिबंधित मांस की खरीद-बिक्री मामले में मॉब लिंचिंग की कई वारदातें हो चुकी हैं. इसे शीर्ष न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए विशेष सतर्कता बरतने और अन्य कार्रवाई का आदेश जारी किया था.

मॉब लिंचिंग को लेकर बनी योजना

  • मॉब लिंचिंग को रोकने और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रत्येक जिले के एसएसपी/एसपी को नोडल अधिकारी बनाया गया है. वहीं, सीआइडी में डीआइजी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है.
  • सभी एसपी संवेदनशील स्थानों की खुफिया रिपोर्ट पर नजर रखें. अगर अंतर जिला समन्वय की जरूरत हो तो पुलिस मुख्यालय को अविलंब सूचना दें.
  • पूर्व की घटना से सबक लेते हुए विशेष चौकसी बरतें. घटना होने पर त्वरित कार्रवाई करें और आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें.
  • आधुनिक तकनीक से मामले का अनुसंधान करें. अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर स्तर के नीचे के न हों.
  • गवाहों को सुरक्षित न्यायालय पहुंचाना सुनिश्चित करें, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित थानेदार की होगी.
  • विगत 5 वर्षों के भीतर मॉब लिंचिंग की घटित घटना के आधार पर संवेदनशील इलाके चिंह्नित करें.
  • भड़काउ मैसेज, संवाद, वीडियो को प्रचारित-प्रसारित करने वालों पर नजर रखें और उनके विरुद्ध कार्रवाई करें.

झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे जल्द ही इस संबंध में बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश देंगे. डीजीपी सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को मॉब लिंचिंग को रोकने और ऐसी वारदातों के होने पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश सरकार ने जारी किया है. बीजेपी ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कहा है कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.

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