झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

साहिबगंज: खुले में फेंका जा रहा है शहर का कचरा, प्रशासन बेखबर - साहिबगंज में खुले में फेंका जा रहा शहर का कचरा

साहिबगंज में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और अन्य कचरा को जमा किया जा रहा है और कचरे को शहर से बाहर खुले में टीपर वाहन से फेंका जा रहा है, जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है और लोगों को परेशानी हो रही है.

साहिबगंज: खुले में फेंका जा रहा है शहर का कचरा
city-garbage-is-being-thrown in -open places-in-sahibganj

By

Published : Sep 13, 2020, 5:42 AM IST

साहिबगंज: जिला नगर परिषद क्षेत्र की अपनी जमीन नहीं रहने की वजह से शहरी क्षेत्र का कचरा खुले में फेंका जा रहा है. रोजाना 30 टन कचरा फेंके जाने से माल गोदाम के उत्तर दिशा में विशाल कूड़ा का अंबार लग चुका है. शहर के बीचो-बीच इस स्थान पर कचका फेंके जाने से इन दिनों बरसात की वजह से इसमें से अजब तरह का दुर्गंध निकल रहा है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है, साथ ही पर्यावरण भी दूषित हो रहा है.

देखें स्पेशल खबर

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने का जिम्मा

साहिबगंज में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और अन्य कचरा को तक जमा किया जा रहा है और कचरे को शहर से बाहर खुले में टीपर वाहन से फेंका जा रहा है. नगरपालिका के पास अपनी जगह नहीं रहने के कारण इस कचरे को किसानों के खेतों में या रेलवे की जमीन पर खुले में फेंक दिया जाता है. नागपालिक ने आकांक्षा कंपनी को संग्रहित कूड़े का निष्पादन करने का जिम्मा सौंपा है. नगर परिषद की ओर से घोंघी गॉव में 5 एकड़ जमीन पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने का जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन आज तक प्लांट नहीं लगा. अभी तक जमीन की चारदीवारी भी नहीं हो सकी है.

ये भी पढ़ें-महाराष्ट्र सीएम को धमकी देने वाला शातिर शख्स गिरफ्तार, साहिबगंज पुलिस ने दी जानकारी

लोगों को हो रही परेशानी

इस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से गिला कचरा से कंपोस्ट खाद बनता और सूखा कचरा से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट को बेचा जाता है, लेकिन आज तक यह योजना धरातल पर नहीं उतरी. रोजाना 30 टन कचरा खुले में फेके जाने से इससे दुर्गंध आना शुरू हो चुका है. मालगोदाम में रोजाना चावल, सीमेंट का रेंक आता है. गिट्टी लोड होता है. हजारों मजदूर काम करते हैं. इस गोदाम से दस कदम की दूरी पर गिला कचड़ा फेंका जाता है, जिससे शहरवासियों को तो परेशानी होती ही है, साथ ही रोजाना काम करने वाले मजदूरों को भी इस दुर्गंध से परेशानी होती है.

लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर

इसे लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरे से दुर्गंध आने से सांस लेने में काफी परेशानी होती है. उन्हें डर सता रहा है कि कोई खतरनाक बीमारी न हो जाए, लेकिन कचरा प्रबंधन और जिला प्रशासन इससे बेखबर है. जिला प्रशासन को चाहिए कि इस समस्या का वो जल्द से जल्द निदान करें. पर्यावरणविद ने कहा कि मनुष्य को जब तक स्वच्छ हवा और शुद्ध पानी नहीं मिलेगा, वो स्वस्थ्य नहीं रह सकते है. खुले में कचरा फेंकने से यह महामारी का रूप ले लेगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-नहीं बनी डीआईजी और एसएसपी की सहायक पुलिसकर्मियों से बात, दो घंटे की माथापच्ची के बाद वार्ता विफल

पहले भी हो चुकी है उच्च स्तरीय शिकायत

वहीं, नगर परिषद उपाध्यक्ष रामानंद साह ने कहा कि कचरे का निष्पादन करने के लिए आकांक्षा कंपनी को जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन आज तक आकांक्षा कंपनी इसका निवारण नहीं कर सका है. इस कंपनी को नगर पालिका की ओर से 5 एकड़ जमीन भी दी गई है, लेकिन इस जमीन पर आज तक घेराबंदी तक नहीं हुआ. कई बार आकांक्षा कंपनी के बारे में उच्च स्तरीय शिकायत भी किया गया, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. नगर परिषद उपाध्यक्ष ने कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से जनहित से जुड़ा मुद्दा उठा है. प्रयास किया जाएगा कि जल्द से जल्द सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरू कराया जाए.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details