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स्वर्णरेखा परियोजना: भू-अर्जन और विस्थापित मुआवजा मामले में आ रही तेजी, 45 नए मामलों की हुई सुनवाई 19 को मिली मंजूरी

स्वर्णरेखा परियोजना के चांडिल कॉम्पलेक्स अंतर्गत विकास पुस्तिका और मुआवजा से संबंधित कुल 300 मामले अब तक लंबित हैं. जिनमें तत्काल लोकायुक्त और कोर्ट से संबंधित मामलों पर ही बैठक आयोजित कर सुनवाई की गई. फिलहाल 19 मामले स्वीकृत हैं, जबकि 22 मामलों में कागजात अधूरे होने पर उन्हें दोबारा कागजात जमा करने का आदेश दिया गया है.

Boosting for displaced compensation in Swarnarekha project in seraikela
स्वर्णरेखा परियोजना

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Published : Oct 28, 2020, 3:59 PM IST

सरायकेला:स्वर्णरेखा परियोजना के चांडिल डैम विस्थापित के भू-अर्जन और विस्थापन मामलों में तेजी आने लगी है. परियोजना की अपर निदेशक रंजना मिश्रा ने विकास पुस्तिका समिति की बैठक में कुल 45 मामलों की सुनवाई की है, जिनमें 19 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई.

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विकास पुस्तिका और विस्थापन के 300 मामले हैं लंबितस्वर्णरेखा परियोजना के चांडिल कॉम्पलेक्स अंतर्गत विकास पुस्तिका और मुआवजा से संबंधित कुल 300 मामले अब तक लंबित हैं. जिनमें तत्काल लोकायुक्त और कोर्ट से संबंधित मामलों पर ही बैठक आयोजित कर सुनवाई की गई. फिलहाल 19 मामले स्वीकृत हैं, जबकि 22 मामलों में कागजात अधूरे होने पर उन्हें दोबारा कागजात जमा करने का आदेश दिया गया है. इस मामले में जानकारी देते हुए परियोजना की अपर निदेशक रंजना मिश्रा ने बताया कि अस्वीकृत और लंबित विकास पुस्तिका मामलों की जांच का जिम्मा पुनर्वास पदाधिकारी को दिया गया है, जो जरूरी कागजात विस्थापितों से जमा करा लेंगे

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हर महीने में 2 बार आयोजित होती है विकास पुस्तिका समिति बैठक

विकास पुस्तिका से जुड़े सभी लंबित मामलों के जल्द निपटारा के उद्देश्य से अपर निदेशक ने महीने में 2 बार विकास पुस्तिका समिति बैठक आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है. इससे जल्द से जल्द सभी लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा सकेगा. इसके साथ ही परियोजना के विस्थापितों को भू अर्जन और विकास पुस्तिका निर्माण में सहायता प्राप्त होगा.

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