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बीजेपी प्रत्याशी जवाहर बानरा के विरोध में कार्यकर्ताओं के फूटे स्वर, उम्मीदवार बदलने की मांग

सरायकेला के खरसावां विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने जवाहर बानरा को अपना प्रत्याशी बनाया है. पार्टी के इस फैसले पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताया है. सभी प्रत्याशी को बदलने की मांग कर रहे हैं.

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Published : Nov 17, 2019, 12:57 PM IST

बीजेपी प्रत्याशी जवाहर बानरा का विरोध करते कार्यकर्ता

सरायकेला: जिले के खरसावां विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने चाईबासा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके जवाहर बानरा को एक बार फिर से प्रत्याशी बनाए जाने से कार्यकर्ताओं ने मुखर होकर इसका विरोध किया है. खरसावां के भाजपा कार्यकर्ताओं की पहली पसंद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा है, लेकिन पार्टी ने इस बार मीरा मुंडा को टिकट न देकर पूर्व विधायक जवाहर बानरा को टिकट दिया है, जिससे स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं. सभी पार्टी आलाकमान से अविलंब प्रत्याशी बदले जाने की मांग पर अड़े हैं.

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इधर नामांकन के अंतिम तिथि से 2 दिन पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर प्रत्याशी का पुरजोर विरोध किया और इस चुनाव में प्रत्याशी जवाहर बानरा के समर्थन में चुनाव प्रचार नहीं करने का निर्णय लिया.

2005 में जवाहर के लिए कटा था मधु कोड़ा का टिकट

इससे पूर्व 2005 विधानसभा चुनाव में तत्कालीन भाजपा विधायक मधु कोड़ा का टिकट काटकर जवाहर बानरा को जगन्नाथपुर से टिकट थमा दिया गया था, जिसके बाद उस वक्त भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने जवाहर का पुरजोर विरोध करते हुए जूतों की माला पहनाकर उन्हें भगाया था.

वहीं, कार्यकर्ताओं ने 2005 विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी जवाहर बानरा का साथ नहीं दिया था, नतीजतन भाजपा को जगन्नाथपुर सीट गंवानी पड़ी थी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े मधु कोड़ा ने इस सीट से जीत हासिल की थी. इधर इस बार चुनाव में भी खरसावां में कुछ इसी तरह के दृश्य सामने आ रहे हैं.

भाजपा से कांग्रेस और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे बानरा

वर्तमान में खरसावां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी जवाहर बानरा पहले भाजपा में रहने के बाद कांग्रेस की शरण में चले गए थे. वहीं, 2005 चुनाव खत्म होने के बाद वे एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए थे, इधर स्थानीय कार्यकर्ताओं की मानें तो जवाहर बानरा विगत कई दिनों से सक्रिय नहीं है, ऐसे में पार्टी का जवाहर को प्रत्याशी बनाए जाने से हार निश्चित है.

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