सरायकेला: नगर पंचायत के उपाध्यक्ष और बीजेपी नेता मनोज चौधरी को कोर्ट से जमानत मिल गई है. जिसके बाद वे जेल से रिहा हो गए. इधर रिहा होने के बाद अपने घर पहुंचे बीजेपी नेता और नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने प्रशासन पर नियम के विरुद्ध दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है.
क्या है पूरा मामला
मंगलवार देर शाम को जिला पुलिस ने बीजेपी नेता को लॉकडाउन उल्लंघन और पुलिस से दुर्व्यवहार किए जाने के आरोप में आनन-फानन में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बीजेपी नगर उपाध्यक्ष मनोज चौधरी पर लॉकडाउन के दौरान मजदूर लोगों को जबरन रिलीफ सेंटर में रखे जाने और लोगों को भड़काने का आरोप लगा था. जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई भी की थी.
पुलिसिया कार्रवाई से नाराज बीजेपी नेता पुलिस से उलझ बैठे थे जिसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था. इधर 24 घंटे अनशन में रहने के बाद बुधवार को जमानत पर रिहा हुए. नगर उपाध्यक्ष को बीजेपी नेताओं ने मान मनौवल करा उनका अनशन तुड़वाया.
सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में दो दिन पूर्व मुर्शिदाबाद के करीब 15 मजदूर जो सरायकेला के राज बांध में ठेकेदार के यहां काम करते थे, वे शाम को अचानक साइकिल से घर के लिए रवाना हो रहे थे, तभी प्रशासन ने उन्हें पकड़ लिया था और क्वॉरेंटाइन के लिए सेंटर ले जा रहे थे. इस बीच कुछ स्थानीय लोगों को भी प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन के लिए चिन्हित किया, जिससे लोग सशंकित हो गए.
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मामले की जानकारी होने पर नगर पंचायत उपाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और आपत्ति दर्ज कराई. जिसके बाद सरायकेला बीडीओ के बयान पर मनोज चौधरी समेत चार नामजद और 15 से 20 अन्य लोगों के खिलाफ लॉकडाउन उलंघन का मामला दर्ज किया और मंगलवार देर शाम अचानक नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
इधर जमानत पर रिहा हुए नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने जिला प्रशासन पर नियम के विरुद्ध राजनीति दबाव में आकर कार्रवाई किए जाने संबंधित गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि जिला प्रशासन ने लॉक डाउन उल्लंघन के तहत कार्रवाई की बात कही है.