सरायकेला:वनाधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों को उनका निजी स्वामित्व, पट्टा और सामुदायिक संसाधनों के अधिकार के लिए दिल्ली में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संयुक्त महामंत्री विष्णुकांत और गिरीश कुबेर की उपस्थिति में ऐतिहासिक निर्णय हुआ.
अर्जुन मुंडा ने बताया कि आदिवासियों को वनाधिकार मिलने का काम अब फास्ट ट्रैक पर होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम एक लक्ष्य के साथ इसे पूरा करने में सफल होंगे, वनाधिकार कानून के तहत जो नियम और गाइडलाइंस बनाए गए हैं, वन मंत्रालय उसका पालन करेगा. इसे सुनिश्चित करने के लिए वन मंत्रालय सभी राज्यों को पत्र लिखेगा, निजी पट्टाधारियों के संबंध में जो मामले विभिन्न स्तरों पर अभी तक लंबित है, उसका अतिशीघ्र समाधान कर अविलंब पट्टे प्रदान करने पर सहमति बनी है. अब हर तीन महीने में दोनों मंत्रालय बैठक कर कानून का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे.
आदिवासियों को मिलेगा सामुदायिक संसाधनों का अधिकार, फास्ट ट्रैक पर होगा काम: अर्जुन मुंडा
वनाधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों को उनका निजी स्वामित्व, पट्टा और सामुदायिक संसाधनों के अधिकार के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संयुक्त महामंत्री विष्णुकांत और गिरीश कुबेर की बैठक हुई, जिसमें ऐतिहासिक फैसला लिया गया है.
अर्जुन मुंडा ने की बैठक
इसे भी पढ़ें:- MGNREGA मजदूरों की हड़ताल बेअसर, 1,008 मजदूर कर रहे मनरेगा में कार्य
बैठक में यह बात सामने आई कि सामुदायिक संसाधनों के वनाधिकार को मान्यता देने का कार्य अब तक मात्र 8-10% ही हुआ है. उसे निश्चित अवधि में मिशन मोड में शत प्रतिशत करने का निर्णय हुआ. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम अवश्य लक्ष्य हासिल करेंगे.