सरायकेला: जिले में कोरोना के बढ़ते प्रसार के रोकथाम को लेकर जरूरी सेवाओं से जुड़ी दुकानों के अलावा दूसरे दुकानदारों को पुलिस ने दुकान बंद रखने को कहा था. इसे लेकर छोटे दुकानदारों को तंग करने के आरोप में सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष और कपाली नगर परिषद के उपाध्यक्ष ने विरोध किया है. रविवार को दोनों उपाध्यक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से अपने मांगों को उठाया है.
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सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी पर दुकानदारों के साथ दुर्व्यवहार करने और हिटलरशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक शिकायत पत्र उपायुक्त को सौंपा. जिसमें नगर उपाध्यक्ष ने कार्यपालक पदाधिकारी पर आरोप लगाया है कि उनके हिटलरशाही रवैया अपना कर छोटे दुकानदारों को तंग किया जा रहा है. साथ ही कई बातों को लेकर दुकानदारों से बेवजह फाइन वसूला जा रहा है.
बेवजह फाइन से छोटे दुकानदार और व्यवसायी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नगर पंचायत के उपाध्यक्ष ने शिकायत पत्र के माध्यम से इस बात की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी के इस रवैये से आक्रोशित दुकानदार जो मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं, वह सभी 20 जुलाई को अपनी दुकानें बंद रख कर विरोध जताएंगे.
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इधर कपाली नगर परिषद के उपाध्यक्ष सरवर आलम ने भी रविवार को कपाली थाना पहुंचकर थाना प्रभारी को एक मांग पत्र सौंपा. जिसमें मांग रखी गई है कि कपाली नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत छोटे व्यवसायी और दुकानदारों को दुकान खोलने की अनुमति दी जाए, ताकि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दुकानों को खोल सकें. इन्होंने कपाली पुलिस के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि छोटे दुकानदारों को पुलिस जवानों ने बिना मतलब परेशान किया है.
नगर परिषद के उपाध्यक्ष सरवर आलम ने बताया कि दुकानदारों को सरकारी नियमों की जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि वे कोरोना के प्रसार को देखते हुए अपनी दुकानों को नियम से खोलें. उन्होंने कहा कि पुलिस अचानक ही दुकानदारों के ऊपर लाठी डंडे बरसा देते हैं. जिससे आर्थिक संकट झेल रहे दुकानदारों की मनोदशा भी बिगड़ने लगी है.