सरायकेला:साल 2020 को कोरोना संकट के रूप में याद किया जाएगा, लेकिन सरायकेला-खरसावां जिले में कोरोना संकट के बीच यह साल सड़क दुर्घटनाओं के रूप में याद रहेगा. इस साल अब तक तेज रफ्तार का ऐसा कहर देखने को मिला है. जिसने 95 लोगों को मौत की नींद सुला दी. शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब सरायकेला को कोल्हान से जुड़ने वाले खतरनाक सड़क पर कोई हादसा न हुआ हो, धीरे-धीरे अब यह सड़क पुलिस और प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन कर उभर रहा है.
SPECIAL STORY- पार्किंग के कारण सड़क हादसे सड़क किनारे खड़े वाहन हैं दुर्घटना के कारणजिले के प्रमुख सड़क पर कोल्हान प्रमंडल के दोनों जिला जमशेदपुर और चाईबासा से रोजाना सैकड़ों बड़े और भारी व्यवसायिक वाहनों का आवागमन औद्योगिक क्षेत्र की ओर होता रहता है. तकरीबन 40 किलोमीटर लंबी इस सड़क के कई स्थानों पर बेतरतीब ढंग से बड़े और भारी व्यवसायिक वाहनों की पार्किंग भी सड़क दुर्घटना का एक मुख्य कारण बनती आ रही है.
रात के समय सड़क पर कम रोशनी होने के कारण अक्सर दोपहिया और चार पहिया वाहन इन वाहनों से टकराते हैं और भीषण सड़क हादसे का शिकार होते है. जिला परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन की ओर से समय-समय पर सड़क किनारे खड़े बड़े भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, लेकिन महज कुछ ही दिनों बाद स्थिति फिर जस की तस बनी रहती है.
जिले में नहीं है पार्किंग जोन
औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात सरायकेला और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में दिन-भर भारी व्यवसायिक वाहनों का परिचालन होता है, यहां अन्य राज्यों से भी रोजाना सैकड़ों बड़े और भारी वाहन कच्चा माल आदि लेकर आते हैं. औद्योगिक क्षेत्र और जिले में पार्किंग जोन नहीं होने से मजबूरन इन बड़े वाहनों को सड़क किनारे ही पार्क किया जाता है. जिला प्रशासन की ओर से भारी वाहनों के पार्किंग के लिए स्थल चिंहित किए जाने की प्रक्रिया की जा रही है, लेकिन अब तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है.
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161 खतरनाक सड़क हादसे
सरायकेला-टाटा मुख्य मार्ग इस सड़क का 80 फीसदी हिस्सा सभी मुख्य मार्गों से होकर गुजरता है. इस सड़क को आगे टाटा- कांड्रा सड़क के रूप में भी जाना जाता है. यह सड़क सरायकेला जिला मुख्यालय को पूर्वी सिंहभूम और दूसरी ओर कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा से जोड़ती है. करोड़ की लागत से चिकनी सड़क का निर्माण किया गया, ताकि यातायात व्यवस्था सुदृढ़ और सुचारू रहे, लेकिन इस चिकनी सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों के पहिए कहां थामने वाले थे.
सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग दिसंबर तक सड़क हादसों का आंकड़ाइस मुख्य सड़क पर जनवरी माह में 14 हादसे हुए, जिनमें से 11 की मौत और 5 घायल हो गए. वहीं जनवरी से लेकर 15 दिसंबर तक कुल 161 खतरनाक सड़क हादसे हुए, जिसमें 95 लोगों की मौत और 102 घायल हो गए.
ब्लैक स्पॉट और ओवर स्पीड दुर्घटनाओं की प्रमुख वजहसरायकेला-टाटा मुख्य मार्ग पर आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ोतरी जिला परिवहन विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है. जिला परिवहन विभाग के अनुसार इस सड़क पर दुर्घटनाओं की मुख्य वजह ब्लैक स्पॉट और ओवर स्पीड भी है. सड़क पर 4 से भी अधिक स्थानों पर ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं, जहां लगातार सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
परिवहन विभाग के मुताबिक सड़क के जिस भाग पर 500 मीटर के दायरे में 3 वर्ष तक 10 सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं और इनमें पांच की मौत होती है तो इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिंहित किया जाता है. परिवहन विभाग इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिंहित करने के बाद पथ निर्माण विभाग के सहयोग से वहां विशेष रूप से सड़क सुरक्षा को लेकर साइन बोर्ड, रंबल स्ट्रिप, रेडियम स्टीकर लगाए जाते हैं, ताकि दुर्घटनाओं पर काबू पाया जाए.
चेकिंग और जागरूकता अभियान
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए परिवहन विभाग के साथ-साथ जिला पुलिस ने भी सतर्कता बरती है. हाल के दिनों में जिला पुलिस की ओर से जिले के प्रमुख सड़क समेत अन्य स्थानों पर चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
- सड़कों का व्यापक सर्वे कर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने का प्रयास
- जिले के सभी ब्लैक स्पॉट को चिंहित कर वहां स्पीड ब्रेकर और ड्रम आदि लगाए जा रहे हैं.
- प्रमुख चौक चौराहों पर गोल चक्कर निर्माण का प्रस्ताव लाया जाएगा.
- सड़क पर मौजूद ऐसे अवरोध जिनसे लगातार दुर्घटनाएं हो रहीं हैं उन्हें चिंहित कर जल्द हटाया जाएगा.
- ड्रंक ड्राइविंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाए जा रहा है, जहां ब्रेथ एनालाइजर मशीन से वाहन चालकों की जांच कर कार्रवाई की जा रही है.