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CM के विधानसभा क्षेत्र की बिटिया है असुरक्षित, ट्रैफिकिंग के बाद बड़े शहरों में होता है शारीरिक शोषण - women Trafficking

हेमंत सोरेन के लिए बरहेत क्षेत्र में ट्रैफिकिंग बड़ी चुनौती मानी जा रही है. सीएम बरहेट से विधायक है और क्षेत्र के लोगों को उन पर काफी भरोसा है. लोगों का कहना है कि बेरोजगारी और अशिक्षा इसकी बड़ी वजह है.

women Trafficking became a challenge in Barhet for hemant soren
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Published : Jan 14, 2020, 1:30 AM IST

Updated : Jan 14, 2020, 1:39 PM IST

साहिबगंज:सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट की बेटिया ट्रैफिकिंग की लगातार शिकार होती रहीं है, बाहर से आए लोग नौकरी का प्रलोभन देकर बड़े शहर ले जाते हैं और वहां उनका यौन शोषण होता है.

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सीएम के समक्ष बनी बड़ी चुनौती
बरहेट विधायक हेमंत सोरेन अब सूबे के मुख्यमंत्री की कमान संभाल चुके हैं, लेकिन विडंबना यह है कि इनके विधानसभा क्षेत्र में ट्रैफिकिंग की समस्या लगातार बनी हुई है. सीएम के विधानसभा क्षेत्र की युवतियां और महिला सुरक्षित नहीं है.आए दिन बिचौलिए आदिवासी लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े शहरों में बेच देते हैं और उनका उत्पीड़न होने लगता है. किसी तरह युवतियां या महिला दलालों के चंगुल से छूटकर भागती है और पुलिस के संरक्षण के माध्यम से अपने घर वापस लौटती है यह ट्रैफिकिंग बरहेट में बड़े पैमाने पर हो रहा है.

बरहेट वासियों को CM से जगी आश

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है बीजेपी के शासन काल में ट्रैफिकिंग पर लगाम नहीं लगी है. लड़कियों को नौकरी का प्रभोलन देकर दलाल भोले-भाले आदिवासी को बड़े शहरों में बेच देते हैं और उनकी अस्मिता से खिलवाड़ होता है. इस बार बरहेट विधायक हेमंत सोरेन झारखंड की कमान संभाल रहे हैं, तो लोगों को काफी उम्मीदें हैं.

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चाइल्ड लाइन इंचार्ज ने कहा बेरोजगारी बहुत अधिक
चाइल्डलाइन इंचार्ज ने कहा निश्चित रूप से बरहेट विधानसभा क्षेत्र में ट्रैफिकिंग काफी बड़े पैमाने पर होती है. उन्होंने कहा कि बरहेट और बोरियो में खासकर आदिवासी समाज की महिला, लड़की को बिचौलिया नौकरी दिलाने के नाम पर बाहर ले जाता है और उन लोगों के साथ बुरा सलूक किया जाता है. जब कभी भी ऐसा मामला आता है तो चाइल्ड लाइन की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन कर युवतियों को बरामद किया जाता है और सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत किया जाता है. सीडब्ल्यूसी तय करती है कि इन शोषित युवतियों के साथ संरक्षण के लिए क्या किया जाए.

इंचार्ज का कहना है कि बरहेट में बेरोजगारी बहुत अधिक मात्रा में है, अपने स्तर से लोगों को जागरूक किया जाता है फिर भी गरीबी की वजह से यह युवतियां फंस जाती है. चुकी आदिवासी लड़कियां काफी सीधी होती है. दलाल के साजिश को नहीं समझ पाती है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त सहयोग से ही ट्रैफिकिंग रुक सकता है.

ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष बहुत बड़ी चुनौती है. इनके विधानसभा में ट्रैफिकिंग बड़े पैमाने पर हो रहा है, जरूरी है सीएम अपने विधानसभा में विशेष ध्यान दें और जिला प्रशासन को सतर्क करें तभी बरहेट की बेटिया सुरक्षित रह पाएगी. सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा में ट्रैफिकिंग एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है आज भी इनके विधानसभा से कई लड़कियां गायब है. अभिभावक थाना में सनहा दर्ज करा चुके हैं लेकिन अभी तक कई लड़कियों का पता नहीं चल पाया है.

Last Updated : Jan 14, 2020, 1:39 PM IST

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