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कोरोना की पाबंदियां खत्म होने पर वट सावित्री पूजा को लेकर महिलाएं उत्साहित, पुरोहित बताते हैं व्रत की खासियत - Sahibganj News

दो सालों के बाद कोरोना की पाबंदियां खत्म होने पर वट सावित्री पूजा (Vat Savitri Puja) को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है. पूजा सामग्री लेने के लिए साहिबगंज के बाजारों में महिलाओं की भीड़ देखी गई.

Women excited about Vat Savitri Puja
Women excited about Vat Savitri Puja

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Published : May 30, 2022, 7:51 AM IST

साहिबगंज: कोरोना के दो साल के बाद बाजार में महिलाओं की भीड़ देखी गई. आखिर भीड़ क्यों न हो, पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व जो ठहरा. दरअसल, सोमवार, 30 मई यानी आज वट सावित्री पूजा (Vat Savitri Puja 2022) है. साल 2020 और 2021 में कोरोना इस समय पीक पर था. जिसके कारण साहिबगंज जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर वट सावित्री पूजा करने पर रोक लगा दी थी. अब कोरोना का प्रकोप धीरे धीरे खत्म हो रहा है, जनजीवन सामान्य की ओर हो रहा है. ऐसे में इस साल वट सावित्री पूजा को लेकर सुहागिन महिलाएं काफी उत्साहित हैं. इसे लेकर रविवार को श्रृंगार, फल समेत अन्य पूजा सामाग्री खरीदने के लिए बाजारों में महिलाओं की भीड़ देखी गई.

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वट वृक्ष के पास पुलिस बल की थी तैनाती: साहिबगंज में गिने चुने वट वृक्ष हैं जहां महिलाएं एकत्र होकर वट सावित्री पूजा करती है, लेकिन, पिछले दो साल कोरोना के मद्देनजर उन सभी जगहों पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. जिसके कारण महिलाओं ने व्रत जरूर रखा लेकिन वट वृक्ष के नीचे पूजा नहीं कर पाईं. हालांकि उन्होंने घर में किसी तरह इस परंपरा को निभाया. इस साल वट वृक्ष के नीचे पूजा करने को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है.

क्यों करते हैं वट सावित्री का व्रत: पंडित जगदीश प्रसाद बताते हैं कि प्रत्येक साल ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. इस साल वट सावित्री का व्रत 30 मई दिन सोमवार को है. वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. माना जाता है कि पौराणिक समय में सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाने के लिए यह व्रत रखा था, तभी से सभी सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखती हैं. इस पर्व के दिन सुहागिन महिला सोलहों श्रृंगार करती हैं.

महिलाएं ऐसे करती हैं वट सावित्री पूजा: हिंदू धर्म में वट सावित्री पूजा का काफी महत्व होता है. सुहागिन महिलाएं बड़ी धूमधाम इस पर्व को मनाती है. इस पर्व में महिलाएं वट वृक्ष (बरगद का पेड़) के नीचे बैठकर पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है. पूजा के दौरान महिलाएं कच्चे धागे से वट वृक्ष के चारों तरफ परिक्रमा करती है. पूजा में शामिल सभी महिलाएं वट वृक्ष के नीचे ही एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागिन रहने की कामना करती है. इस दिन शादी सुहागिन महिलाएं दिन भर उपवास रखती है. कुछ महिला अखंड उपवास या फल का सेवन करती है. वट वृक्ष के नीचे पुरोहितों से कथा सुनती है.

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