साहिबगंज:14 अगस्त की शाम सदर अस्पताल में मां के पेट से एक अजीबो गरीब बच्चे ने जन्म लिया था. बच्चे को देखने के बाद कुछ लोग इसे एलियन कह रहे थे. वहीं, कुछ लोग उसे ईश्वर की महिमा बता रहे थे. बच्चे की शक्ल और शरीर दूसरे बच्चों से काफी अलग थी. बच्चे के जन्म के बाद सदर अस्पताल में यह चर्चा का विषय बन गया था. हालांकि, बच्चा कुछ ही घंटे जिंदा रहा. उसे सपोर्टिव ट्रीटमेंट दिया गया लेकिन इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया.
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3 की मौत जेनेटिक डिसऑर्डर से हुई
इस मामले में बड़ी बात यह है कि दंपती को चार बच्चे हुए हैं जिसमें तीन की मौत जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से हुई है. दो बच्चों की मौत पहले ही हो चुकी थी. 14 अगस्त को तीसरे बच्चे की मौत हो गई. एक बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित है. परिवार बोरियो थाना क्षेत्र के बांस पहाड़ का रहने वाला है.
नहीं हो पाता है बच्चे के शरीर का पूरा विकास
चाइल्ड स्पेशलिस्ट रिंकी गुप्ता ने बताया कि यह जेनेटिक बीमारी है. यह माता-पिता दोनों में हो सकता है. इसका असर बच्चे पर पड़ता है. इस तरह का केस लाखों में एक देखने को मिलता है. बीमारी के चलते शरीर का पूरा विकास नहीं हो पाता. बच्चे को सपोर्टिंग ट्रीटमेंट दिया जा सकता है लेकिन जीने की संभावना बहुत कम रहती है.
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सिर्फ 5% होती है जीवित रहने की संभावना
डॉक्टर के मुताबिक इस बीमारी का नाम है हार्लेक्विन इक्थियोसिस. इस बीमारी से ग्रस्त बच्चे की त्वचा सख्त और विकृत होती है. शरीर पर अजीबो गरीब निशान रहते हैं. अब तक हुए रिसर्च के मुताबिक ऐसे बच्चे के जीवित रहने की संभावना सिर्फ 5% तक होती है. डॉक्टर ने बताया कि इस तरह का केस साहिबगंज में कई साल पहले आया था उस बच्चे की मौत भी कुछ घंटों के बाद हो गई थी. यह दुर्लभ बीमारी है. यह बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन ज्यादातर केस जो आए हैं उसमें गरीब परिवार में जन्मे बच्चे में ऐसी विकृति देखने को मिली है. दुनिया में अब तक सिर्फ 200 से 250 केस रिपोर्ट किए गए हैं.