साहिबगंज: राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में ऐतिहासिक धरोहर जामी मस्जिद है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना महामारी और ठंड के कारण लोगों का आना कम हो गया है.
इसी कड़ी में उत्तरवाहिनी गंगा किनारे मुगलकाल के समय राजा मान सिंह द्वारा बनाई गई जामा मस्जिद भी एक है. इस जामी मस्जिद का कलाकृति अद्भुत है. इस मस्जिद का बनाने का तरीका नायाब है. आज भी इस पुरातात्विक भवन का में मरम्मत को लेकर आजकल की सीमेंट का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि इसी भवन के बेकार पड़े पत्थर के चूर्ण को पीसकर कर इसकी मरम्मत की जाती है.
इस जामी मस्जिद का रखरखाव पुरातात्विक विभाग दिल्ली सरकार की निगरानी में किया जाता है. इस जामी मस्जिद को देखने के लिए देश-विदेश से लोग सैलानी पहुंचते हैं, लेकिन हाल के दिनों में कोरोना का भय और शीतलहरी का प्रभाव भी इस जामी मस्जिद में देखा जा रहा है.
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जामी मस्जिद के इंचार्ज ने बताया कि इन दिनों ठंड के वजह से भी सैलानी नहीं पहुंच रहे हैं. दूसरी वजह कोरोना का भय भी इन सैलानियों पर दिख रहा है. यही वजह है कि जामी मस्जिद सैलानियों की वजह से सुनसान दिख रही है.