साहिबगंज:कोरोना काल में मालवाहक और यात्री जहाज का परिचालन गंगा के रास्ते बंद कर दिया गया था, जिससे बिहार और पश्चिम बंगाल से व्यापार ठप हो गया था. एक बार फिर जिला प्रशासन ने अंतरराज्यीय फेरी सेवा घाट की बंदोबस्ती व्यवस्था के लिए टेंडर निकाला है. 8 दिसंबर को शाम 5 बजे इस पर फैसला होने की संभावना है. टेंडर निकाले जाने से फिर से इस रास्ते व्यापार शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है.
फेरी सेवा घाट की बंदोबस्ती के लिए निकाला टेंडर, जानें कब तक शामिल हो सकते हैं ठेके की दौड़ में
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर साहिबगंज से मालवाहक और यात्री जहाज के परिचालन गंगा के रास्ते बंद कर दिया गया था. अब फिर फेरी सेवा घाट की बंदोबस्ती के लिए टेंडर निकाला गया है.
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दरअसल, साहिबगंज से बिहार की सीमा मिलती है और गंगा दोनों राज्यों की सीमा से होकर बहती हैं. इसके लिए रोटेशन पर फेरी सेवा की व्यवस्था की जाती है. इस बार झारखंड की बारी है. इधर राज्य सरकार के आदेश के 9 महीने बाद रोटेशन के नियम के अनुसार दो सालों के लिए टेंडर का आदेश हुआ था. इससे पहले 2 दिसंबर को निकाला गया टेंडर रद्द हो गया था. इसका वजह टेंडर की दौड़ में शामिल एक ही एजेंसी के कागजात दुरुस्त होना बताया जा रहा था. यह झारखंड सरकार के नियम पर खरा नहीं उतरता. क्योंकि ऑपेन डाक में बोली लगने से राशि बढ़ती है और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है. इसलिए टेंडर को रद्द कर दिया गया था. अब फिर प्रशासन ने टेंडर निकाला है.