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साहिबगंज में मां दुर्गा के विसर्जन से गंगा नहीं होगी मैली! ये है आइडिया - प्रतिमा विसर्जन को लेकर जुर्माना

साहिबगंज में विसर्जन के लिए गंगा का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद मूर्ति विसर्जन को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. जिस वजह से जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. बुधवार को शहर के सभी पूजा पंडालों से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा है. विसर्जन के तुरंत बाद नगर परिषद के कर्मी मूर्तियों को जेसीबी से बाहर निकाल रहे हैं ताकि गंगा प्रदूषित न हो.

गंगा किनारे लगा बैरिकेडिंग

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Published : Oct 9, 2019, 6:57 PM IST

साहिबगंजः बुधवार को साहिबगंज में ज्यादातर पूजा पंडालों से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन होने जा रहा है. हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन तभी सार्थक होता है जब गंगा के जल से प्रतिमा का विजर्जन किया जाता है. बदलते समय में गंगा दूषित होती जा रही है. यही वजह है कि विसर्जन को लेकर ऐसा नियम निकाला गया है कि जिससे आस्था भी बनी रहे और गंगा प्रदूषित भी न हो.

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नहीं है वैकल्पिक व्यवस्था

बता दें कि हाईकोर्ट का साफ निर्देश है कि गंगा में यदि कोई प्रतिमा विसर्जन किया जाता है तो कमेटी को 50 हजार आर्थिक दंड देना होगा, लेकिन साहिबगंज बाढ़ के चपेट में है और विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया है. जिला प्रशासन ने फेरी सेवा घाट पर गंगा के किनारे बैरिकेडिंग कर दी है. सभी मूर्तियों का विसर्जन बैरीकेडिंग के अंदर करने का आदेश दिया है.

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गंगा प्रदूषित न हो इसके लिए समुचित प्रबंध

नगर परिषद उपाध्यक्ष ने कहा कि गंगा दूषित न हो इसके लिए समुचित प्रबंध किया गया है, अभी साहिबगंज बाढ़ के चपेट में है, इसलिए मूर्ति की दूसरे जगह विसर्जन करने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. इसके लिए गंगा किनारे पर बैरिकेडिंग के अंदर ही मूर्ति विसर्जन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मूर्ति विसर्जन के तुरंत बाद नगर परिषद के कर्मी और जिला प्रशासन के लोग मूर्ति को बाहर निकाल लेंगे. जिससे मूर्ति से निकलने वाला कोई भी केमिकल पदार्थ गंगा में नहीं घुल सकेगा.

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