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लॉकडाउन ने कबाड़ी वालों की जिंदगी को भी बना दिया 'कबाड़', जिला प्रशासन से लगा रहे गुहार

साहिबगंज में लॉकडाउन के दौरान कबाड़ीवालों की स्थिति कफी दयनीय हो गई है. कोरोना महामारी के साथ ही कुटीर और लघु उधोग बंद हो गए हैं. जनहित में हर भारतीय ने लॉकडाउन का सम्मान किया है, लेकिन लंबे अरसे तक व्यवसाय बंद रहने से हर किसी की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.

junk business during lockdown
कबाड़ी वालों की जिंदगी बना 'कबाड़

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Published : Jun 11, 2020, 6:54 AM IST

साहिबगंज: शहर के जवाहरलाल शर्मा को लोग कबाड़ीवाले के नाम से जानते हैं. डीसी रोड में इनका कबाड़ी का व्यापार है. जो चीजें हमारे लिए बेकार हो जाती हैं, उससे इनका परिवार पलता है, लेकिन लॉकडाउन ने इनकी जिंदगी को ही कबाड़ बना दिया है. नौबत यहां तक आ गई है कि पूंजी के अभाव में इन्हें कारोबार बंद करना पड़ सकता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

जवाहरलाल कबाड़ीवाले के यहां दर्जनों लोग काम करते हैं, लेकिन अब स्थिति बिल्कुल बदल गई है. इनके कबाड़ीखाने में पहले की तरह चहल पहल नहीं रहा है. पूरे परिसर में विरानगी छाई है.

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लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक वन में दुकानें तो खुलीं हैं, लेकिन मजदूर नहीं रहने से सामान लाने और ले जाने में काफी परेशानी हो गई है. कबाड़ीवालों का कहना है कि लॉकडाउन ने छोटे-छोटे व्यवसाय की कमर तोड़ दिया है. जहां हर रोज दस से बारह मजदूर काम किया करते थे, वहां अब एक मजदूर के भरोसे काम चल रहा है. घर में रखी पूंजी भी खत्म हो चुकी है. बाल-बच्चों का पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो चुका है.

साइकिल से कबाड़ उतारता व्यापारी

जिले में 300 लोग कबाड़ी कारोबार से जुड़े हैं

जिले में करीब 28 लोग छोटी-बड़ी कबाड़ी दुकान चलाते हैं और इनसे लगभग 300 लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. जनहित में हर किसी ने लॉकडाउन का सम्मान किया है, लेकिन लंबे अरसे तक व्यवसाय बंद रहने से अब आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. रोजगार बंद होने की स्थिति आने पर इन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

काबाड़ीवाले जवाहरलाल का कहना है कि मजदूरों की तत्काल मदद कर सकूं ऐसी स्थिति नहीं रही. अब पूंजी के आभाव में कारोबार बंद करना पड़ सकता है. जिला प्रशासन कुछ मदद करे तो राहत मिल सकती है.

खाली बैठे साहिबगंज के कबाड़ीवाले

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वहीं, मामले को संज्ञान में आने के बाद उपायुक्त ने कहा कि हुनरमंद लोगों के लिए जिला प्रशासन का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा. किसी को भी समस्या हो या पूंजी का आभाव हो तो हमसे मिले. वैसे लोगों को जिला प्रशासन सस्ते दर पर बैंक से लोन मुहैया कराएगा. किसी को भी जिले से पलायन नहीं होने दिया जाएगा.

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