साहिबगंज:साहिबगंज के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बदलाव की बयार बह रही है. पहले जिन चीजों का नाम लेना भी शर्मिंदगी का कारण बनता था, अब उस पर खुलकर बात हो रही है. इसको रखने के लिए contraceptive box बनाए जा रहे हैं. यह सब संभव हुआ है, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) से जुड़ी महिला समूहों के जरिये, जो महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक आजादी दिला रही है, उनकी बंद सोच को खोलने में भी मददगार साबित हो रही है.
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समूह ने स्वीकार की चुनौती
दरअसल, छोटी कोदरजन्ना में कोरोना ने कई परिवारों की आर्थिक गाड़ी को पटरी से उतार दिया. इसने पहले से ही घरों की दहलीज के भीतर रहने वाली महिलाओं की मुसीबत बढ़ा दी. इस बीच जेएसएलपीएस की जानकारी मिलने पर यहां की कुछ महिलाओं ने मिलकर सखी सहेली फर्नीचर उत्पादक समूह (Sakhi Saheli furniture producer group ) नाम से एक ग्रुप बनाया और JSLPS से जुड़कर ये काम करने लगीं. इस बीच स्वास्थ्य विभाग को 16269 कांट्रसेप्टिव बॉक्स (contraceptive box) की जरूरत पड़ी. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए कई जिलों की महिला समूहों से संपर्क किया, लेकिन इसके लिए कोई तैयार नहीं हुआ. इस पर साहिबगंज की 4 महिला समूहों ने इस चुनौती को स्वीकार किया.
हर महिला की पचास हजार तक की आमदनी
इन समूहों को पहले चरण में 3 माह में 10 हजार बॉक्स की आपूर्ति करनी थी. इन समूहों ने इस लक्ष्य को तय किया और निर्धारित समय में ऑर्डर पूरा किया और बचे बॉक्स की आपूर्ति भी इसी महीने कर दिए जाने की उम्मीद है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को 41 सदस्यों वाली इन समूहों को 73 लाख का भुगतान करना है. इनमें से 56 लाख का भुगतान स्वास्थ्य विभाग ने कर भी दिया है. हर समूह को इससे सवा तीन लाख मुनाफा हुआ है यानी हर महिला को करीब 10 से 50 हजार रुपये की आमदनी हुई है.