साहिबगंज: ग्रामीणों क्षेत्र के लोगों को प्रयाप्त रूप से आर्सेनिक मुक्त पेयजल मिले इसके लिए झारखंड सरकार ने वित्तिय वर्ष 2011-2012 में मेगा जलापूर्ति योजना शुरू की थी. जिसमें तीन प्रखंड साहिबगंज, बरहेट और राजमहल में 133 करोड़ की लागत से एलएनटी कंपनी ने काम शुरू किया था. कंपनी यहां काम खत्म कर चुकी है. कुछ शेष कार्य को पीएचईडी विभाग पूरा कर लोगों को जल मुहैया करा रहा है. हालांकि सहिबगंज सदर का काम पूरा नहीं हुआ है.
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10 वर्ष बाद भी नहीं मिला लाभ:मेगा जलापूर्ति योजना में सदर प्रखंड के 11 पंचायत में शुद्ध पेयजल मुहैया कराना था. एलएनटी कंपनी ने इन क्षेत्रों में गांव से बाहर पाइप तो बिछा दी. इसके साथ ही जहां जमीन मिली वहां इएसआर टंकी भी बना दी, लेकिन दस वर्ष बाद भी लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है.
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता गोविंद कच्छप ने बताया कि काम कर रही कंपनी एलएनटी द्वारा समय पर कार्य को निष्पादन नहीं किया गया. लागत अधिक लगने से कंपनी की क्षति हो रही थी. उन्होंने बताया कि कंपनी अधूरा काम ही की है. एस्टीमेट रिविजन कर विभाग के पास भेजा गया है. 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. एक दो स्थानों पर टंकी बनी हुई है. जिसकी स्वीकृति मिलने के साथ टेंडर निकाल किसी अन्य कंपनी को काम के लिए दिया जाएगा.
गोविंद कच्छप ने बताया कि एस्टीमेट को सुधार कर 209 करोड़ की राशि को स्वीकृति के लिए भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के साथ ही टेंडर निकालकर अधूरे काम को पूरा किया जाएगा. पानी की विशाल टंकी दक्षिणी मखमलपुर के एक खेत में बनी है. कई वर्ष पूर्व ही यह बनकर तैयार हो गई थी लेकिन चालू नहीं हो सकी है.
साहिबगंज के डीसी ने क्या कहा:उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है वहां टैंकर से पानी भेजा जा रहा है. फिलहाल जिले के 206 गांव में टैंकर के माध्यम से व्यवस्था की जा रही है. जहां जहां पेयजल को लेकर समस्या है वहां पर टैंकर भेजकर समस्या का निदान किया जा रहा है. जो योजना लंबित है उसे पूरा कराने के लिए विभाग को जानकारी दी गई है, स्वीकृति के साथ फंड मिलने पर टेंडर करा कर काम फिर से चालू कर दिया जाएगा.
स्थानीय लोगों की राय:स्थानीय लोग भगत मंडल और अब्दुल ने कहा कि साहिबगंज सदर में योजना चालू होने से यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.